Ram Mandir Inauguration: वो राम मंदिर जहां भगवान कृष्ण करते थे राम की पूजा, जानें देश के 10 बड़े Ram Temple
Ram Mandir Pran Pratistha: मध्य प्रदेश के ओरछा में रामराजा मंदिर अयोध्या के बाद सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है जहां भगवान राम बाल रूप में विराजमान हैं.
Famous Ram Mandir in India: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सोमवार (22 जनवरी, 2024) को पूरा देश राम के रंग में रंगा नजर आया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी की अपील को मानते हुए अधिकतर लोग आज (22 जनवरी) दिवाली जैसा जश्न मना रहे हैं, जबकि अयोध्या में बने स्थाई राम मंदिर की रौनक भी देखते बनती है.
इस बीच, हम आज आपको देश में मौजूद कुछ और बड़े और मशहूर राम मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में शायद ही आपको पता हो. ये मंदिर अलग-अलग राज्यों में हैं और यहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने पहुंचते हैं:
1. रामराजा मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के ओरछा में यह मंदिर काफी मशहूर है. कहा जाता है कि ओरछा की महारानी कुंवरि गणेश भगवान राम की परम भक्त थीं. वह अयोध्या से उन्हें बालरूप में लेकर यहां आई थीं. वहां भगवान राम को राजा के तौर पर भी पूजा जाता है. यह इकलौता मंदिर है जहां रोज भगवान राम को चार बार गोलियों से सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया जाता है.
2. सीता रामचन्द्रस्वामी मंदिर, तेलंगाना
यह राम मंदिर भी भारत में काफी प्रसिद्ध है. यह तेलंगाना के भद्राद्रि कोठागुडेम जिले के भद्राचलम में है. रामनवमी के दिन वहां काफी भीड़ जुटती है. रामनवमी पर भगवान राम और सीता की शादी की सालगिरह बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. इस मंदिर को भद्राचलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण भद्राचलम से 35 किमी दूर पर्णशाला में रुके थे. स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान राम ने सीता को बचाने के लिए श्रीलंका जाते समय गोदावरी नदी को पार किया था. उसी स्थान पर नदी के उत्तरी तट पर भद्राचलम मंदिर है.
3. रामास्वामी मंदिर, तमिलनाडु
तमिलनाडु के कुंभकोणम में इस मंदिर का निर्माण 400 साल पहले राजा रघुनाथ नायकर ने कराया था. मंदिर में रामायण की भी झलक मिलती है. गर्भगृह में भगवान राम और देवी सीता के विग्रह विवाह मुद्रा में साथ बैठे नजर आते हैं. वहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ, शत्रुघ्न और भरत की भी मूर्ति है. शत्रुघ्न भगवान राम के बाईं तरफ उन्हें पंखा पकड़े दिखते हैं, जबकि भरत शाही छाता लिए हैं और दाईं ओर हनुमान हैं.
4. कालाराम मंदिर, नासिक, महाराष्ट्र
अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी मंदिर से 11 दिनों के विशेष अनुष्ठान की शुरुआत की थी. यह मंदिर महाराष्ट्र में नासिक शहर के पंचवटी क्षेत्र में है. कहा जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर है जहां भगवान राम वनवास के दौरान रुके थे. इसे 1782 में सरदार रंगराव ओढेकर ने एक पुराने लकड़ी के मंदिर के स्थान पर बनवाया था. मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण की काले पत्थर से बनी खड़ी प्रतिमाएं हैं और इनकी ऊंचाई लगभग 2 फुट है.
5. त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर, केरल
यह मंदिर केरल के त्रिशूर जिले में है. वहां भगवान राम को त्रिप्रयारप्पन या त्रिप्रयार थेवर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण वहां राम की मूर्ति की पूजा करते थे. भगवान कृष्ण ने जब इस लोक को छोड़ा तो मूर्ति को समुद्र में विसर्जित कर दिया गया था. बाद में यह मूर्ति कुछ मछुआरों को मिली थी और उन्होंने इसकी स्थापना केरल के चेट्टुवा क्षेत्र के पास की थी. बाद में वक्कायिल कैमल नाम के स्थानीय शासक ने त्रिप्रयार में मंदिर का निर्माण किया और वहां मूर्ति स्थापित की. मंदिर में भगवान राम की मूर्ति चार भुजाओं के साथ शंख, चक्र, धनुष और माला धारण किए दिखाई देती है.
6. राम मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा
यह मंदिर भुवनेश्वर के खारवेल नगर के पास है. शहर के बीचो-बीच यह भगवान राम के भक्तों के लिए सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की सुंदर मूर्ति है जिसका निर्माण और प्रबंधन निजी ट्रस्ट की ओर से किया जाता है. इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान हनुमान, भगवान शिव और अन्य देवताओं के समर्पित मंदिर भी हैं.
7. कोदंडाराम मंदिर, कर्नाटक
यह मंदिर कर्नाटक के हिरेमगलूर में है, जो चिकमगलूर जिले में आता है. इस मंदिर का नाम कोदंडाराम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां भगवान राम और लक्ष्मण को उनके धनुष और तीर के साथ दिखाया गया है और भगवान राम के धनुष को कोदण्ड नाम से जाना जाता है. गर्भगृह में हनुमान चौकी पर राम, लक्ष्मण और सीता की आकृतियां हैं. वैसे तो हर जगह सीता राम के बाईं ओर नजर आती हैं पर इस मंदिर में सीता भगवान राम के दाहिनी ओर हैं. ऐसा माना जाता है कि एक भक्त पुरूषोत्तम ने भगवान राम और सीता का विवाह देखने की इच्छा व्यक्त की थी और इसलिए उनकी इच्छा पूरी की गई थी. बता दें कि पारंपरिक हिंदू विवाह के दौरान दुल्हन दूल्हे के दाहिनी ओर बैठती है.
8. श्री राम तीरथ मंदिर, अमृतसर
यह मंदिर अमृतसर से 12 किलोमीटर पश्चिम में चोगावां रोड पर है. यह वह स्थान है जहां देवी सीता को ऋषि वाल्मिकी के आश्रम में आश्रय मिला था. यहीं पर उन्होंने लव और कुश को जन्म दिया था. इसमें सीढ़ियों वाला कुआं भी है जहां देवी सीता स्नान करती थीं. ऐसे में इस मंदिर को भारत में सबसे पवित्र भगवान राम मंदिरों में से एक माना जाता है.
9. रघुनाथ मंदिर, जम्मू
जम्मू के इस मंदिर में सात मंदिर हैं. यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह और उनके बेटे महाराज रणबीर सिंह ने 1853-1860 की अवधि के दौरान कराया था. मंदिर में कई देवता हैं पर मुख्य देवता भगवान विष्णु के अवतार राम हैं.
10. श्री सीता रामचन्द्रस्वामी मंदिर, तेलंगाना
भद्राचलम में सीता रामचन्द्र स्वामी मंदिर अपना इतिहास महाकाव्य रामायण से साझा करता है. यह मंदिर एक पत्थर की आकृति भद्र की कथा से जुड़ा है जो श्री राम को देखने के बाद एक इंसान में बदल गया था. ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु ने भद्रा की प्रार्थनाओं का उत्तर देने के लिए राम का रूप धारण किया तो वह भूल गए थे कि वह एक आम इंसान थे और इसके बजाय वे चार भुजाओं के साथ प्रकट हुए तब से भक्त चार भुजाओं वाले वैकुंठ राम अवतार की पूजा करते हैं.
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