अगस्त के पहले हफ़्ते में शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण, जानिए कैसा होगा राम मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई हैं.इन दो तारीख़ों में जिस भी दिन प्रधानमंत्री अपनी सहमति देंगे, उस दिन भूमि पूजन करके निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा.
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो सकता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई हैं. ये तारीखें हैं 3 अगस्त और 5 अगस्त. इन दो तारीख़ों में जिस भी दिन प्रधानमंत्री अपनी सहमति देंगे, उस दिन भूमि पूजन करके निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़ 5 अगस्त को पूर्णिमा के दिन पीएम अयोध्या आकर भूमि पूजन में हिस्सा ले सकते हैं. इस कार्यक्रम में डेढ़ सौ से 200 लोगों की मौजूदगी में भूमि पूजन कराया जा सकता है. इसके अलावा मंदिर के मॉडल में भी कुछ बदलावों को न्यास ने मंजूरी दी है.
राम मंदिर मॉडल में कैसा होगा बदलाव
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव करने पर भी सहमति बनी है. पहले के मॉडल में गर्भ गृह के मुख्य शिखर के अलावा 2 मंडप (गुम्बद नुमा आकार) मौजूद थे.
- अब 2 की जगह कुल 5 मंडप होंगे.
- पहले प्रस्तावित मॉडल की ऊंचाई 138 फुट थी, जिसको बढ़ाकर 161 फुट करने पर सहमति बनी है.
- वीएचपी के मॉडल के मुताबिक पहले ऊंचाई 138 फुट, लंबाई 268 फुट और चौड़ाई 140 फुट होनी थी. अब लंबाई लगभग उतनी ही रहेगी लेकिन ऊंचाई 161 फुट और चौड़ाई गर्भ गृह के पास कुछ बढ़ जाएगी.
- लेआउट की बात करें तो पहले आयताकार आकर था जिसको आर्किटेक्ट के मुताबिक क्रुसीफार्म आकर का किया जाएगा.
- आकार पहले 313×149 फुट था, जो अब 344×235 फुट होगी.
- शिखर की चोटी 138 फुट से बढ़ाकर 161 फुट किया जाएगा. क्षेत्रफल भी आकार के मुताबिक़ बढ़ेगा.
- इसके अलावा पत्थर की मात्रा पहले 2,43,000 घन फुट था, जो अब नए मॉडल के मुताबिक़ 3,75,000 घन फुट होगा.
न्यास के सदस्य ने क्या कहा
न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 अगस्त और 5 अगस्त की तारीख़ दी गई है. इन दोनों में से किसी एक तारीख़ को पीएम अयोध्या आएंगे और भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण के काम का औपचारिक शुरुआत करेंगे. उन्होंने बताया कि नए मॉडल के मुताबिक़ मंदिर को ज़्यादा भव्य और दिव्य बनाने की योजना थी, लेकिन सॉइल टेस्टिंग के बाद मंदिर को बहुत ज़्यादा बड़ा और ऊंचा बनाना ख़तरनाक हो सकता है, इसलिए कुछ बदलाव ही किये गए हैं> उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो मंदिर का काम भूमि पूजन से 30 से 35 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
समतलीकरण का काम लगभग पूरा
अयोध्या में नवंबर में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने न्यास के गठन की घोषणा संसद में कई थी. इसके बाद से ही राम जन्मभूमि परिसर में ज़मीन के समतलीकरण का काम चल रहा है. अब समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है. ऐसे में कोशिश है कि जल्द से जल्द भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण का काम शुरू कर दिया जाए ताकि तय समय में दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो सके.