Parliament Proceeding Highlights: '17वीं लोकसभा ने मुस्लिम बहनों को दिलाई तीन तलाक से मुक्ति', अनुच्छेद 370 और आतंकवाद पर पीएम मोदी ने कही ये बात
Ram Mandir Dhanyawad Prastav Charcha Highlights: अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
अयोध्या के राम मंदिर पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ''अयोध्या राम मंदिर पर लोकसभा में पारित प्रस्ताव आने वाली पीढ़ी को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका देगा.''
पीएम मोदी ने कहा, "लोकसभा चुनाव 2024 बहुत दूर नहीं है,और कुछ लोग उनके बारे में चिंतित हो सकते हैं, यह (चुनाव) लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण पहलू है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए."
पीएम मोदी बोले, "आदरणीय सभापति जी, देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहली पल को जीवंत रखने का सेंगोल को स्थापित करने का काम किया. इसको सेरेमोनियल बनाने का बहुत बड़ा काम आपके नेतृत्व में हुआ है, जो भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सदन को संबोधित करते हुए कहा, ''आप सदैव मुस्कुराते रहते थे. आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी. आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं. गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए, लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया, मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं,
17वीं लोकसभा के अंतिम दिन पीएम बोलो, "संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने (सभापति जी) सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए. ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत आपने जनसामान्य के लिए खोल कर बहुत बड़ी सेवा की है. इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी बोले, "आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही, लेकिन अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम उस समाज में रहते हैं, जो दंड-संहिता नहीं, बल्कि न्याय सहिंता को मानता है."
पीएम मोदी बोले, "पहले आतंकवाद नासुर बन कर देश के सीने पर गोलियां चलाते रहता था. मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थी. देश के अनेक वीर आतंकवाद के कारण बलि चढ़ जाते थे. हमने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं."
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "17वीं लोकसभा के पहले सत्र में दोनों सदन ने 30 विधेयक पारित किए थे. ये अपने आप में रिकॉर्ड है. इस कार्यकाल में बहुत सारे रिफॉर्म्स हुए हैं. 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है. बदलाव की तरफ देश तेज गति से आगे बढ़ा है और सदन के सभी साथियों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई है."
पीएम मोदी ने कहा, "लोकसभा का यह सत्र गेम चेंजर रहा. इस दौरान 21वीं सदी के भारत की नींव रखते हुए विभिन्न सुधार लागू किए गए हैं. भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है. मैं यह बात बहुत संतुष्टि के साथ कह सकता हूं कि जिन बदलावों का पिछली पीढ़ियों ने लंबे समय से इंतजार किया था, वे 17वीं लोकसभा के दौरान साकार हुए हैं."
तीन तलाक पर पीएम मोदी ने कहा, "कितने उतार चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें तीन तलाक का इंतजार कर रहीं थी. अदलतों ने उनके पक्ष में निर्णय दिए थे, लेकिन उन्हें वो हक नहीं मिल रहा था. मजबूरियों से गुजारा करना पड़ता था. तीन तालाक से मुक्ति का और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है."
पीए मोदी बोले, "हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए. मुझे पक्का विश्वास है उसके कारण जो लोग ऐसी समस्या से जुझते हैं, उनको एक बल मिला है. भारत को पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का एक अहसास हो रहा है और वो सपना भी पूर्ण होकर रहेगा."
पीएम बोले, "17 वीं लोकसभा के माध्यम से कई काम पूरे हुए. अनेक पीढियों ने एक संविधान इसके लिए सपना देख था, लेकिन हर पल संविधान में वो दरार दिखाई देती थी. इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप का प्रगतिकरण हुआ. जम्मू कश्मीर के लोगों को न्याय से वंचित रखा गया था. आज उन्हें भी न्यााय मिल रहा है."
पीएम मोदी ने कहा, "मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया."
कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए पीएम मोदी बोले, "मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया. भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया."
पीएम मोदी बोले, "आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है. 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया."
पीएम मोदी बोले, "लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे. ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं. देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा.
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, "भगवान श्रीराम सबसे दिल में हैं और भगवान का नाम मोक्ष की प्राप्ति के लिए लेते हैं. बीजेपी जो मोक्ष की प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि मत की प्राप्ति के लिए भगवान का नाम लेती है. भगवान राम का मंदिर बनने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लिया. कोर्ट ने एक उलझने हुए मामले को सुलझाया."
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, "कोई भी देश अपने अतीत के बिना अधुरा है. भगवान राम भारत की संस्कृति के प्रतीक हैं. सुप्रीम के निर्णय के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्णाण हुआ. आज अयोध्या पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित हो चुका है. दुनिया भर से श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि मंदिर तो बन गया अब आगे क्या. अब आगे का रास्ता राष्ट्र निर्माण का है."
ससंद में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "जब पीएम मोदी इस सदन में जवाब देंगे तो क्या भारत के 140 करोड़ जनता को जवाब देंगे या सिर्फ हिंतुत्व की फिक्र रखने वालों के लिए जवाब देंगे. मेरा इमान ये कहता है कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद थी, वो है और रहेगी."
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता. 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है. ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा. मोदी जी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हर किसी को यह समझना चाहिए कि 22 जनवरी की तारीख ऐतिहासिक है और मैं कहना चाहता हूं कि जो लोग अपना इतिहास नहीं जानते वे अपनी पहचान खो देते हैं. उन्होंने कहा, "आडवाणी जी ने सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा भी की और मोदी जी ने जन आकाक्षां की पूर्ति कर आध्यात्मिक चेतना जागृत कर दिया."
लोकसभा में राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मोदी सरकार किसी विशेष समुदाय, धर्म की सरकार है या पूरे देश की सरकार है? भारत सरकार मेरा एक धर्म है? मेरा मानना है कि इस देश का कोई धर्म नहीं है. मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या की थी जिसके अंतिम शब्द हे राम थे."
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 16 दिसंबर, 1992 को संसद में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि किस तरह से वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस ने देश में सांप्रदायिता फैलाई और मस्जिद को गिराया गया. इस लोकसभा में मस्जिद गिराने का निंदा की गई थी. आज यही सरकार छह दिसंबर को जो घटना हुई, उसका जश्न मना रही है. इस पर सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि राम मंदिर पर फैसला सुप्रीम कोर्ट के जरिए किया गया. इसके बाद ही मंदिर का निर्माण हुआ है.
राम मंदिर पर हो रही चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में कहा कि अभी एक सांसद ने कहा कि जिस वक्त छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी, उस वक्त नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने रथ यात्रा निकाली, उसे देश का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है. ये दिखाता है कि सरकार किस तरह खड़ी है. इंसाफ जिंदा है या फिर जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर सवाल उठाए हैं. इस दौरान संसद में तीखी बहस देखने को मिली है.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद परषोत्तम रूपाला ने कहा कि जब भी सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े होते हैं, तो आप (राज्यसभा सभापति) हमें उनकी बात सुनने के लिए कहते हैं, लेकिन विपक्ष के नेता अब आपके सभापतित्व को चुनौती दे रहे हैं और आपको बता रहे हैं कि आप अपनी पसंद के अनुसार निर्णय ले रहे हैं. यह कांग्रेस का असली चेहरा है. उन्हें लगता है कि जिसे हमारी पार्टी से निकाल दिया गया उसे भारत रत्न कैसे मिल सकता है.
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर कहा कि आपने चौधरी चरण सिंह का अपमान किया, आपने उनकी विरासत का अपमान किया. भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के लिए आपके पास समय नहीं था. चौधरी चरण सिंह के मुद्दे पर सदन के अंदर ऐसा माहौल बनाकर आप देश के हर किसान को आहत कर रहे हैं. हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए.
राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि जहां राम हैं, वहां धर्म है. जिन लोगों ने धर्म को नष्ट किया है, वे मारे गए हैं. जिन लोगों ने धर्म की रक्षा की उनकी सुरक्षा की गई है. कांग्रेस देश में इस हालात में इसलिए है, क्योंकि उन्होंने भगवान राम को खारिज किया था.
राज्यसभा में चर्चा के दौरान जब जयंत चौधरी ने बोलना शुरू किया तो मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर सवाल उठाया. उन्होंने राज्यसभा सभापति से सवाल किया कि उन्हें किस अधिकार से बोलने का मौका मिला है. उन्होंने ये भी कहा कि ये सरकार लोगों को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है. लेकिन इसका खुद शोर मचाया जा रहा है. हम सभी को सैल्यूट करते हैं. दरअसल, जयंत चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को लेकर बोल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया जाना सम्मान की बात है. कांग्रेस को आज जश्न मनाना चाहिए था कि उनके पूर्व पीएम को मोदी सरकार ने सम्मानित किया है. लेकिन दुर्भाग्यवश, उनके उपनाम में नेहरू-गांधी नहीं था. अगर वे इस परिवार से होते तो उन्हें खुशी होती. सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को चौधरी चरण सिंह के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला एक बड़ा फैसला है. कल इस घोषणा के बाद लोगों ने दिवाली मनाई है. कल किसानों ने कनॉट प्लेस में मिठाइयां बांटी. इससे यही पता चलता है कि यह फैसला सिर्फ उनके परिवार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि किसानों को मजबूत करने वाला फैसला है.
राज्यसभा में जयंत चौधरी जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाया कि किस नियम के तहत इनको बोलने दिया गया है. खरगे ने कहा कि हालांकि हम सैल्यूट करते हैं जिन्हें भारत रत्न दिया गया है. वह चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की बात कर रहे थे. इस पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि ये कांग्रेस का चरित्र है किसान विरोधी. कांग्रेस नंगी हो गई, निर्वस्त्र हो गई. उसको बधाई देने में भी पेट में दर्द हो रहा है. राज्यसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं.
राम मंदिर पर चर्चा के दौरान बीजेपी के सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे 22 जनवरी को संसद के अंदर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बोलने का अवसर मिला है. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा देखना और पूजा करना ऐतिहासिक रहा है.
संसद के निचले सदन लोकसभा में अयोध्या में बने ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हो रही है. इस दौरान लोकसभा में जय श्री राम के नारे लगाए गए.
बैकग्राउंड
Ram Mandir Charcha In Parliament Highlights: संसद के मौजूदा बजट सत्र के आखिरी दिन संसद के दोनों सदनों में अयोध्या स्थित राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चा की जाने वाली है. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी दोनों सदनों की संशोधित कार्यसूची में इसकी जानकारी दी गई है. कार्यसूची में उस दिन सदन में उठाए जाने वाले एजेंडे के मुख्य विषय शामिल होते हैं.
आम तौर पर इसे सत्र अवधि के दौरान बैठक की तारीख से दो दिन पहले दैनिक रूप से जारी किया जाता है. अंतिम एजेंडा कार्य की संशोधित सूची में शामिल होता है और बैठक के पूर्ववर्ती कार्य दिवस पर जारी किया जाता है.
लोकसभा में ‘श्री राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने का नोटिस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सत्यपाल सिंह और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे की ओर से दिया गया. श्रीकांत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र हैं. राज्यसभा में इसी विषय पर अल्पकालिक चर्चा का नोटिस भाजपा सांसदों सुधांशु त्रिवेदी, के. लक्ष्मण और मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने दिया है.
बीजेपी ने इन विषयों पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है. निचले सदन में ‘अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ विषय पर चर्चा पूरी हो चुकी है. वहीं, अब संसद के उच्च सदन में सरकार की ओर से लाए गए ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ विषय पर भी चर्चा होगी. वित्त मंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए शुक्रवार को विपक्ष पर निशाना साधा था और कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तत्कालीन सरकार ने कोयले को राख बना दिया था जबकि मौजूदा सरकार ने उसी कोयले को हीरा बना दिया.
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और इसे नौ फरवरी को समाप्त होना था, लेकिन उक्त दोनों विषयों के मद्देनजर सत्र को एक दिन बढ़ाकर शनिवार तक कर दिया गया.
(भाषा इनपुट के साथ)
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