अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर हर देशवासी खुश है. राम मंदिर को लेकर बाबा भोजपाली की खुशी का भी ठिकाना नहीं है. मंदिर के लिए उन्होंने सालों पहले एक प्रतिज्ञा ली थी और अब वह दिन आ गया है, जब राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. बाबा भोजपाली राम मंदिर के उद्घाटन के साक्षी भी बनेंगे. राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए बाबा को निमंत्रण भेजा गया है.
यूपी तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा भोजपाली उर्फ रविंद्र गुप्त ने 21 साल की उम्र में प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वह शादी नहीं करेंगे. अब बाबा की उम्र 52 साल है और उन्होंने शादी नहीं की है. बाबा भोजपाली बताते हैं कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के समय वह भी वहां मौजूद थे.
बाबा भोजपाली भी जाएंगे राम मंदिर उद्घाटन में
बाबा भोजपाली ने बताया, 'हमने देखा, चारों तरफ धूल उड़ रही है, हजारों कारसेवक कोई गुंबद पर चढ़ा हुआ है. ऐसा दृश्य देखकर और भाव बढ़ गए. उसके बाद जब तीसरा आखिरी बड़ा गुंबद गिरा तो हम वहीं थे. उस समय श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीरामचंद्र परमहंस दास जी महाराज वो जब लकड़ी का छोटा सा सिंहासन उठा रहे थे तो उस समय हम वहां थे. यह देखकर पीड़ा आई कि ये छोटा सा सिंहासन और ये धूल-धूल में हमारे श्रीराम.'
जब बाबा ने राम मंदिर निर्माण के लिए शादी नहीं करने की ली प्रतिज्ञा
बाबा ने आगे कहा, 'तब प्रतिज्ञा ली कि जब तक भव्य मंदिर नहीं बन जाएगा और इस भव्य सिंहासन पर हमारे प्रभु श्रीराम विराजमान नहीं हो जाएंगे तब तक मैं शादी नहीं करूंगा. अंदर से ये भाव आया, ये ईश्वर की इच्छा थी, जबकि मेरे तीन भाईयों की शादी हो चुकी थी परिवार बस चुका था और मेरा ही नंबर था. हमारी माताजी शादी कराने के लिए लगी हुई थीं, तब मैंने प्रतिज्ञा ली.'
बाबा ने बताई, विवादित ढांचा गिराने की कहानी
बाबा ने उस समय को याद करते हुए बताया, 'लाउडस्पीकर पर आवाज आने लगी कि तोड़ना शुरू हो गया है जो जहां बैठा है वो वहीं बैठे और जय श्रीराम जय जय राम की धुन गाए तो हम भी जय श्रीराम जय जय राम की धुन गा रहे थे. हमारे साथ जो बड़े अधिकारी थे उनसे हमने बोला कि हम भी चलें क्या तो वो कहने लगे कि आदेश है कि आपको यहीं बैठना है. तब हमने एक-दूसरे को इशारा किया और 15 मिनट के बाद हम विवादित ढांचे में पहुंच गए.'
एबीवीपी के सदस्य थे बाबा भोजपाली
बाबा भोजपाली पढ़ाई के दौरान एबीवीपी के सक्रिय सदस्य थे. वह दो विषयों में एमए कर चुके हैं और वकालत की भी पढ़ाई उन्होंने की है. साल 1992 में वह कारसेवा करने के लिए अयोध्या भी गए. अब राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए उन्हें न्योता आने से बाबा और गांव वाले काफी खुश हैं. गांव वाले गाजे-बाज के साथ बाबा को अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहे हैं.
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