Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में बनकर तैयार हुए भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. योगीराज अरुण की बनाई भगवान राम की वह मनोहारी मूर्ति सोशल मीडिया पर छाई हुई है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की गई है. इस बीच इस कार्यक्रम में कई रजवाड़ों के प्रतिनिधि भी पहुंचे. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के इतिहास और उससे जुड़ी कहानियों को भी शेयर किया है.
मूर्ति बनाने वाले योगीराज अरुण ने भी मीडिया से बात की. राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की ओर से मूर्ति की महत्ता को भी बताया गया है. इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे हर एक के पास राम मंदिर आंदोलन और रामलला से जुड़ी कोई न कोई कहानी शेयर करने के लिए थी, जिसे मीडिया से साझा किया गया है.
बलरामपुर राजघराने ने किया था यज्ञ
बलरामपुर राज परिवार के प्रतिनिधि जयेंद्र प्रताप सिंह इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. एक चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके परदादा दिग्विजय नाथ सिंह ने 1948-49 में स्थापित राम मूर्ति के लिए यज्ञ किया था. वह मूर्ति जो स्थापित की गई थी उसे भी नए बने मंदिर में रखा जाना है.
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर बहुत ही गौरव का पल है क्योंकि उनके राज परिवार का मंदिर आंदोलन में योगदान रहा है.
अपनी बनाई मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा पर भावुक हुए योगीराज अरुण
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो चुकी है. श्याम वर्णन की रामलला की मनोहारी मूर्ति, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा हुई है उसे योगीराज अरुण ने बनाया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि योगीराज अरुण की बनाई गई मूर्ति में विष्णु के अवतार भगवान राम की झलक के साथ ही राजा राम का तेज भी है. उनका दयालु और वीर स्वरूप इस मूर्ति में झलकता है. मूर्तिकारी योगीराज अरुण ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं. कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं सपनों की दुनिया में हूं."
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों सोमवार दोपहर 12:29 बजकर 8 सेकंड के बाद 84 सेकंड के अंदर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश भर के दिग्गज शामिल हुए हैं.
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