Yogi Adityanath on Ram Mandir Inauguration Date: उत्तर प्रदेश (यूपी) के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख (22 जनवरी, 2024) को लेकर सियासी संग्राम देखने को मिला है. विपक्षी दलों की ओर से आरोप लगाया कहा गया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है, जिसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ है. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख भी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर तय की गई ताकि उसका चुनावी लाभ उठाया जा सके. हालांकि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर साफ किया है कि मंदिर के कार्यक्रम की डेट इलेक्शन को देखकर नहीं निकाली गई बल्कि उसे शास्त्रों के हिसाब से तय किया गया है.
यह पूछे जाने पर कि 'क्या हिंदू पंचाग के बजाय लोकसभा चुनाव 2024 का काउंटडाउन (साल 2024 के आम चुनाव -18वीं लोकसभा के लिए- अप्रैल से मई के बीच में होने की संभावना है) देखकर राम मंदिर के उद्घाटन समारोह की तारीख तय की गई है?' यूपी के सीएम ने इस सवाल पर हिंदी न्यूज चैनल आज तक को बताया, "देखिए, हिंदू धर्म या फिर सनातन परंपरा में मकर संक्रांति के बाद सूर्य नारायण के उत्तरायण में आने के बाद कार्यक्रमों के शुभ मुहूर्त आते हैं और उसी को मानकर शास्त्रों की पद्धति से यह कार्यक्रम प्लान किया गया है."
Congress और Jawahar Lal Nehru का भी किया जिक्र
योगी आदित्यनाथ ने इंटरव्यू के दौरान आगे कांग्रेस का जिक्र किया और बताया- कांग्रेस के पास तो अवसर (कार्यक्रम के निमंत्रण के संदर्भ में) था...याद करिए, जब सोमनाथ के मंदिर की पुनःस्थापना का कार्यक्रम हुआ था, कांग्रेस ने तब उस आयोजन का विरोध किया था. प्रोग्राम में तब के प्रधानमंत्री (पंडित जवाहर लाल नेहरू) तो नहीं गए मगर तत्कालीन राष्ट्रपति (डॉ.राजेंद्र प्रसाद) को भी उन्होंने जाने से रोकने का प्रयास किया था. डॉ.प्रसाद गए थे लेकिन नेहरू ने प्रयास तो किया था. खुद को नहीं गए मगर उन्होंने रोकने की कोशिश की थी.
'Ayodhya में अब कभी गोली नहीं चलेगी, बल्कि...'
योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले मंगलवार (16 जनवरी, 2024) को कहा था कि नई अयोध्या में अब कभी कर्फ्यू नहीं लगेगा बल्कि राम नाम संकीर्तन होगा. अब यहां कभी गोली नहीं चलेगी, बल्कि रामभक्तों को लड्डू के गोले मिलेंगे. यूपी सीएम ने साल 1990 में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार की ओर से कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश के संदर्भ में यह बात कही. वह इसके अलावा बोले कि अब अयोध्या में कोई पंचकोसी, 14 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा रोकने का साहस नहीं करेगा.