रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं, '...सबको साथ लेकर चलना'
Droupadi Murmu Speech: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भगवान राम का आदर्श हमेशा सबको साथ लेकर चलना है.
Droupadi Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (22 जनवरी) को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भगवान राम का आदर्श संकट के समय साहस से काम लेना और सबकी भलाई करना है.
प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देने के दौरान कहा, ''आप सब जानते हैं कि आज प्रभु श्री राम की मूर्ति की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की गई है. यह एक ऐतिहासिक दिन है. धीरज रखना, बड़ों का सम्मान करना, छोटों को प्यार देना, सबको साथ लेकर चलना, संकट के समय साहस से काम लेना, मर्यादा का हमेशा ध्यान रखना और सबकी भलाई के लिए काम करना यह सब भगवान राम के आदर्श हैं.''
उन्होंने आगे कहा कि मेरा मानना है कि बचपन की अच्छी आदतें जीवन भर साथ रहती हैं. इस कारण आप सब को मेरी सलाह है कि आप अभी से ही ऐसी जीवन-शैली अपनाएं जो पर्यावरण अनुकूल हों जिससे धरती माता पर कम से कम दबाव रहे. प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग और संरक्षण आपके भविष्य को बेहतर बनाएगा.
आप सब जानते हैं कि आज प्रभु श्री राम की मूर्ति की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। यह एक ऐतिहासिक दिन है। धीरज रखना, बड़ों का सम्मान करना, छोटों को प्यार देना, सबको साथ लेकर चलना, संकट के समय साहस से काम लेना, मर्यादा का हमेशा ध्यान रखना और सबकी भलाई के लिए काम करना यह सब…
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 22, 2024
द्रौपदी मुर्मू क्या बोलीं?
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे बालक-बालिकाएं बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. उनमें अपनी लगन और मेहनत के बल पर अपनी पहचान बनाने की असीम क्षमता है. उन्हें सही दिशा दिखाना हमारा कर्तव्य है ताकि वे अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का उचित उपयोग कर सकें. जब उनका ध्यान अच्छे कार्यों में लगेगा तब वे अपने जीवन को सही दिशा दे पाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि आजकल के बच्चे tech-savvy होते हैं. यह बहुत ही अच्छी बात है कि आप टेक्नोलॉजी का उपयोग अपनी शिक्षा और अपने विकास के लिए कर सकते हैं, लेकिन अक्सर टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग भी होता है.
दरअसल, राष्ट्रपति मुर्मू को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र दिया गया था.
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