Ramlala Pran Pratishtha: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार (14 जनवरी) को कहा कि अयोध्या आंदोलन सिर्फ एक मंदिर के लिए नहीं, बल्कि किसी का तुष्टिकरण किए बिना सभी के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक जागरूकता अभियान था. 


उन्होंने कहा कि यह नई तुष्टीकरण नीति के खिलाफ था जिसे हमारे देश के गौरव, संस्कृति और इतिहास को किनारे रखकर लाया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदुत्व का इतिहास हमारे देश का इतिहास है.


नितिन गडकरी ने आडवाणी की रथयात्रा को किया याद


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नितिन गडकरी ने नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की 'रथयात्रा' अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे को देश में सबसे आगे लाई.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल, वरिष्ठ बीजेपी नेता उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, कई साधुओं और शंकराचार्यों ने इसके लिए संघर्ष किया. उन्होने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन सिर्फ एक मंदिर के बारे में नहीं था.


'राम मंदिर गौरव और आत्मसम्मान का प्रतीक'


नितिन गडकरी ने कहा, ''ये प्रयास भारत के इतिहास, संस्कृति और विरासत को गौरव और सम्मान वापस दिलाने के लिए थे.'' गडकरी ने कहा कि जहां भगवान राम का जन्म हुआ था वहां राम मंदिर का होना देश में रहने वाले सभी लोगों के लिए गौरव और आत्मसम्मान का प्रतीक है.


उन्होंने कहा, ''इसलिए यह मुद्दा सांप्रदायिक या जाति-संबंधी नहीं है, यह 'राष्ट्रीय' है.'' उन्होंने कहा, ''लोग अब खुश हैं कि भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और हम सभी को 22 जनवरी को दर्शन करने का अवसर मिलेगा.''


'राजनीतिक लाभ के लिए सेक्युलर शब्द की गलत व्याख्या की गई'


केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''अतीत में राजनीतिक लाभ के लिए सेक्युलर शब्द की गलत व्याख्या की गई. उन्होंने कहा, ''...लेकिन हमारा समाज आनुवंशिक रूप से 'धर्म निर्पेक्ष' है. धर्म निर्पेक्षता का अर्थ है 'सर्व धर्म सत्भाव'.


उन्होंने कहा कि भारतीयों को जाति से ऊपर उठकर खुद को हिंदू संस्कृति, हिंदू इतिहास और हिंदू जीवन शैली के प्रति समर्पित करना चाहिए. उन्होंने कहा, ''हिंदू भारतीय संस्कृति है और भारतीय संस्कृति हिंदुत्व का पर्याय है. हिंदुत्व संकीर्ण नहीं है, सांप्रदायिक नहीं है, जातिवादी नहीं है. हिंदू सभी को सम्मिलित करता है, राष्ट्र का गौरव है और हिंदुत्व का इतिहास राष्ट्र का इतिहास है.''


यह भी पढ़ें- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में क्या है अशास्त्रीय? abp न्यूज़ से बातचीत में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कही ये बात