Ram Temple Inauguration: राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश में जश्न का माहौल है. इस खास कार्यक्रम में कई हस्तियां शामिल हुईं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे अलौकिक क्षण बताया. उन्होंने इस दौरान विपक्षी दलों पर निशाना साधा. वहीं विपक्षी नेताओं ने भी अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लिया और कई नेताओं का प्राण प्रतिष्ठा पर बयान आया.
पीएम मोदी क्या बोले?
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों का नाम लिए बिना कहा, ''वो भी एक समय था कि जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए. रामलला के मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है.''
सीएम ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कोलकाता में सर्वधर्म सद्भाव रैली निकाली. विभिन्न धर्मगुरुओं और पार्टी नेताओं के साथ उन्होंने ये रैली की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती. इससे पहले बनर्जी ने कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना की.
उन्होंने कहा, ‘‘वे (बीजेपी) भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन देवी सीता का क्या? वह वनवास के दौरान हमेशा भगवान राम के साथ रहीं. वे उनके बारे में नहीं बोलते क्योंकि वे महिला विरोधी हैं. हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए हमें धर्म के बारे में उपदेश देने की उन्हें कोशिश नहीं करनी चाहिए.’’
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''आज प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आयोजित भंडारों में शामिल हुआ.'' उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के इस पवित्र अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं, जय सिया राम.
सिद्धारमैया क्या बोले?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘लक्ष्मण, सीता और अंजनेय के बिना राम पूरे नहीं हो सकते. वे (बीजेपी) राम को अलग कर रहे हैं. यह सही नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी भगवान राम की पूजा नहीं करती.
सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘राम को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि श्रीरामचंद्र सबके हैं. वह केवल बीजेपी के भगवान नहीं हैं. वह हर हिंदू के भगवान हैं.’’
नवीन पटनायक ने क्या किया?
बीजू जनता दल (BJD) के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया एक्स पर फोटो शेयर कर बताया कि उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव टेलीकास्ट टीवी के जरिए देखा. फोटो में उनके साथ पार्टी नेता वीके पांडियन भी दिख रहे हैं.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में शंकरदेव के जन्मस्थान जाते समय हैबरगांव में रोक दिया गया. इसको लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए रोका गया, लेकिन सभी लोग वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जा सकते हैं, केवल वह नहीं जा सकते. इस दौरान राहुल गांधी धरने पर बैठ गए.
अखिलेश यादव क्या बोले?
समाजवादी पार्टी के चीफ और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ''भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है और हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए. जो लोग भगवान राम के दिखाए गए रीति, नीति और मर्यादा का पालन करते हैं, वे उनके सच्चे भक्त हैं.''
उन्होंने राम राज्य को लेकर कहा, ''रामराज तब होता है जब गरीब दुखी नहीं होते, युवा खुश होते हैं और हर कोई खुश रहता है.''
अखिलेश यादव ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया मंच एक्स पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा एक पत्र शेयर करते हुए कहा था कि वह अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य जाएंगे.
उद्धव ठाकरे महाआरती में हुए शामिल
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर में महाआरती में शामिल हुए. उनके साथ इस दौरान उनकी पत्नी और बेटे आदित्य ठाकरे मौजूद रहे.
कमलनाथ ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ था तब मैंने वीडियो संदेश के माध्यम से इसका स्वागत किया था. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है. वर्तमान में केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है. इस कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का दायित्व बीजेपी सरकार पर है.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को राजनीतिक स्वरूप दिया है और धर्म को राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास किया वह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है.
डिंपल यादव क्या बोलीं?
सपा की नेता डिंपल यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि जो करे मर्यादा का मान, उस हृदय बसे सियाराम, जय सियाराम....बता दें कि विपक्ष के शीर्ष नेताओं इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी का कार्यक्रम बताते हुए इसमें शामिल नहीं हुए.
इनपुट भाषा से भी.
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