Rajnath Singh On Ram Mandir: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार (13 जनवरी) को कहा कि अयोध्या नगरी को अंतत: वह सम्मान मिल गया है जिसकी वह हकदार थी और जो उसे आजादी के तुरंत बाद मिलना चाहिए था. 


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता बलबीर पुंज की पुस्तक 'ट्रिस्ट विद अयोध्या' के विमोचन के अवसर पर रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि हिंदुओं के लिए अयोध्या वही है जो मुसलमानों के लिए मक्का है और ईसाइयों के लिए यरूशलम है. उन्होंने कहा कि वे चंद लोग हाशिए पर चले गए हैं जो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे.


राजनाथ स‍िंह ने कहा, ''इस देश में ऐसे लोग थे जो (भगवान) राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे. वे उन्हें एक काल्पनिक चरित्र कहते थे. ऐसे लोग हाशिए पर तो चले ही गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण वे भी अब 'रामधुन' गा रहे हैं. राम के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती.'' 


'राम मंदिर कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच टकराव का मुद्दा नहीं था'
 
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''किताब इस बात की पड़ताल करती है कि उस समय ऐसा क्यों नहीं हुआ. यह उपनिवेशवाद से मुक्ति और पुनर्जागरण का प्रतीक है. उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का मुद्दा कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच टकराव का मुद्दा नहीं था, बल्कि वोट बैंक की राजनीति के लिए इसे ऐसा बना दिया गया था. 


लेखक बलबीर पुंज ने किया ये दावा


लेखक बलबीर पुंज ने दावा किया कि राम मंदिर मुद्दा क्षेत्र के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बहस का विषय नहीं था. उन्होंने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण हो. 


पुंज ने आरोप लगाया, ''नेहरू की नफरत सोमनाथ या अयोध्या तक सीमित नहीं थी, उन्हें मंदिरों से नफरत थी.'' इस कार्यक्रम में विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और दिल्ली विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह भी उपस्थित थे. 


यह भी पढ़ें:सीमा विवाद पर एस जयशंकर की 'ड्रैगन' को दो टूक, बोले- 'समाधान होने तक न करें कोई उम्मीद'