(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shankaracharya Avimukteshwaranand on Ram Mandir: राम मंदिर जाने को शंकराचार्य तैयारः बोले- अगर PM मोदी ऐसा कर दें तो हो जाएगा बहुत बड़ा काम
Shankaracharya Avimukteshwaranand on Ram Mandir: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के मुताबिक, सबसे बड़ी आपत्ति यही है कि अभी तक पूरा मंदिर नहीं बना है और इस स्थिति में वहां प्राण-प्रतिष्ठा करना ठीक नहीं है.
Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati on visiting Ram Mandir: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उत्तर प्रदेश (यूपी) के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर जाने के लिए राजी हो गए हैं. हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक बड़ी शर्त रख दी है. उन्होंने बुधवार (16 जनवरी, 2024) को कहा है, "प्रभु राम को लाने वाली गाय माता का ही आज वध किया जा रहा है. यह दुर्भाग्य की बात है कि इसे रोका नहीं जा पा रहा है. हम भगवान श्रीराम के सामने किस मुंह से खड़े होंगे."
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यूट्यूब चैनव 'यूपी तक' से आगे बातचीत के दौरान बताया, "विधि-विधान के साथ शिखर बनने के बाद रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो हम जरूर अयोध्या जाएंगे. अपने प्रण की रक्षा करते हुए सारे कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे मगर भगवान के सामने नहीं जाएंगे. वह तब जाएंगे जब गोहत्या बंद हो जाएगी. अगर 22 जनवरी 2024 को ही कार्यक्रम करने की उनकी जिद है तब कम से कम गोहत्या की बंदी की घोषणा कर दी जाए. पीएम मोदी अगर ऐसा कर देते हैं तब भी हम भगवान से कहेंगे कि जो दोष हो रहा है, उसे लेकर इस एवज में कृपा कर दीजिए. गोहत्या बंदी बहुत बड़ा काम हो जाएगा."
'हम नहीं हैं Narendra Modi के खिलाफ, PM से कराया जा रहा गलत काम'
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "पीएम मोदी से हमारी किस चीज के लिए शत्रुता होगी? यह तो कोई जवाब न होने के चलते और हमारी आपत्तियों को खारिज न कर पाने की वजह से लोगों की तरफ से ऐसी बातें (एंटी-मोदी होने वाली) कही जा रही हैं. वह थोड़े हिम्मत वाले आदमी हैं और हमें ऐसा व्यक्ति अच्छा लगता है. उनके हाथों अयोध्या में गलत काम कराया जा रहा है." वह आगे यह भी बोले- हम नहीं चाहते कि पीएम मोदी के हाथ से कोई भी गलत काम हो. हम असल तौर पर उनके हितैषी हैं लेकिन राजनीतिक लोग तमगा लगा देते हैं. हम यही चाहते हैं कि वह सुशोभित रहें.
Ram Mandir कार्यक्रम को लेकर किस बात से है सबसे बड़ी आपत्ति?
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के मुताबिक, सबसे बड़ी आपत्ति यही है कि अभी तक पूरा मंदिर नहीं बना है और इस स्थिति में वहां प्राण-प्रतिष्ठा करना ठीक नहीं है. अधूरे मंदिर में प्रतिष्ठा के लिए शास्त्रों ने मना किया है. मंदिर भगवान का शरीर होता है और शिखर सिर होता है. अभी वह बना ही नहीं है और ये लोग उसमें प्राण-प्रतिष्ठा कराने जा रहे हैं. यह बिना सिर वाले धड़ जैसा काम हो जाएगा और शास्त्रों के लिहाज से यह ठीक नहीं है.
X यूजर्स के "नाराज फूफा" वाले बयान पर शंकराचार्य ने कही यह बात
सरकार की ओर से मान-मनौवल को लेकर जुड़े सवाल पर शंकराचार्य ने बताया- सोशल मीडिया पर लोग हमें शादी में नाराज हो जाने वाला फूफा बता रहे हैं पर यहां कोई ब्याह और शादी नहीं हो रही है. यह हमारी मजबूरी है कि जो बड़े लोग आचरण कर देते हैं और आम जनता उसी को उदाहरण बनाकर वैसा करने लगती है. इस लिहाज से आने वाले समय में यह घटनाक्रम नजीर बन जाएगा और बाद में लोग ऐसा ही करने लगेंगे.