Shankaracharya Avimukteshwaranand On PM Modi: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अशास्त्रीय बताया है. जिसके बाद उन्हें पीएम मोदी का विरोधी और कांग्रेसी कहा जाने लगा. इसे लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम बीजेपी या पीएम मोदी के विरोधी नहीं हैं.


एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "हमें कांग्रेसी कहना कमजोरी की निशानी है. क्या कांग्रेसी होना खराब है. पीएम मोदी का विरोधी वो है जो उनके गलत कामों में उन्हें नहीं टोक रहा है. क्योंकि गलत काम से ही किसी का पतन होता है. पीएम मोदी से तो हम खुश हैं और चाहते हैं कि वे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहें, क्योकि वो एक हिम्मती आदमी हैं. जब से वो आए हैं, उन्होंने हिंदूओं का मनोबल बढ़ाया है. हम क्यों करेंगे पीएम मोदी का विरोध?"


शंकराचार्य ने बताया कि लोगों ने उन्हें क्या कहा?


उन्होंने कहा, "मेरे वक्तव्य के बाद बहुत सारे लोगों ने बातें कहीं. इसमें प्रमुख रूप से लोगों ने ये बातें कहीं कि जैसा हो रहा है, होने दीजिए, अभी भी विपत्ति की स्थिति है. लोगों ने कहा कि अगर अगले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी नहीं जीते तो फिर कभी भी प्रतिष्ठा नहीं हो पाएगी. अगर दूसरी पार्टी सत्ता में आ जाएगी तो फिर वो प्रतिष्ठा का कार्य रोक देगी."



'अगर मोदी चले जाते हैं तो हिंदू मनोबल फिर से गिर जाएगा'


शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे शासनकर्ता सबके प्रति राजधर्म का पालन करते हुए रहें, लेकिन फिर भी एक हिंदू होने के नाते जब हिंदू मनोबल बढ़ता है, हमको बहुत प्रसन्नता होती है. अगर मोदी चले जाते हैं तो हिंदू मनोबल फिर से गिर जाएगा, फिर हम पीएम मोदी का क्यों विरोध करेंगे. पीएम मोदी से हमारा कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है, हमने कभी उनको देखा नहीं, कभी उन्होंने हमको देखा नहीं, कभी हमारी बातचीत नहीं हुई, कोई लेनादेना नहीं है, उनका काम अलग है, हमारा काम अलग है."


उन्होंने कहा, "हमारा उनसे ये संबंध है कि वो देश के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. देश के एक नागरीक का प्रधानमंत्री से जो संबंध होता है वही संबंध हमारा उनसे है. हमारा पीएम जो इतना मजबूत है, उन्हें हम क्यों गिराना चाहेंगे?"


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