Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार देखा जा रहा है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार किया है. इस बीजेपी ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है. 


गुरुवार (11 जनवरी) को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस वार्ता के जरिए आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है तो तब-तब वो (कांग्रेस) उस अवसर के साथ खड़े न होकर उसका बहिष्कार करते हैं.


उन्होंने सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए पलटवार किया.


क्या कहा था बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने?


बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था, ''मैं आप लोगों के सुलभ संज्ञान के लिए कोट करना चाहता हूं कि जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी तो जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 अप्रैल 1951 को जाम साहब, दिग्विजय सिंह, जो कि उस समय सौराष्ट्र के प्रमुख थे, यानी लाइक टेक्नीकली द चीफ मिनिस्टर (तकनीकी रूप से मुख्यमंत्री की तरह) और उन्होंने जब इनवाइट किया तो नेहरू जी ने क्या लिखा था, मैं बताना चाहता हूं इसलिए कि कांग्रेस उसी परंपरा में चली आ रही है.''


त्रिवेदी ने कहा, ''उन्होंने (पंडित नेहरू) लिखा कि इस कठिन समय में समारोह के लिए मेरा दिल्ली से आना संभव नहीं है. इस समारोह के बारे में मैं अपने विचार साफ कर देना चाहता हूं. मैं इस पुनरुत्थानवाद से बहुत परेशान हूं. मेरे लिए बहुत कष्टकारक है कि मेरे राष्ट्रपति और मेरे कुछ मंत्री और राज्य प्रमुख के नाते आप सोमनाथ के इस समारोह से जुड़े हुए हैं और मुझे लगता है कि मेरे देश की प्रकृति के ये अनुरूप नहीं है और इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.''





सुधांशु त्रिवेदी पर जयराम रमेश का पलटवार


कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए X पर लिखा, ''सुधांशु त्रिवेदी ने साफ तौक पर सोमनाथ मंदिर पर पंडित नेहरू के कुछ पत्र हवा में उछाले हैं. ये और नेहरू के कई अन्य पत्र, जिनमें तत्कालीन गृह मंत्री राजाजी और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी शामिल हैं, सभी सार्वजनिक डोमेन में हैं और जवाहरलाल नेहरू के सिलेक्टेड वर्क्स की दूसरी सीरीज के वॉल्यूम 16-I का हिस्सा हैं जो http://nehruselectedworks.com पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं.''



कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ''त्रिवेदी के दावे के विपरीत ये कोई बड़ा रहस्योद्घाटन नहीं है. नेहरू पूरी तरह से पारदर्शी थे और अपने पीछे लिखित रिकॉर्ड छोड़ गए- जो उनकी ओर से व्यक्तिगत रूप से लिखा गया था. यहां इस विषय पर कुछ पत्राचार है जिसे त्रिवेदी ने प्रदर्शित नहीं किया.''


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