Ram Mandir Pran Pratishtha security: राम मंदिर में प्रभु की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी सुरक्षा के मोर्चे पर अभेद्य किले में तब्दील हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले इस समारोह में करीब 8000 वीआईपी अतिथि रहेंगे. यही वजह है कि आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी निगरानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. ऊपर ड्रोन से सिक्योरिटी मॉनिटरिंग होगी. 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल हुए हैं जो चप्पे-चप्पे की निगहबानी करेंगे. आइए, जानते हैं कि 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम की नगरी में कैसी सुरक्षा व्यवस्था रहेगीः
22 जनवरी को अयोध्या में परिंदा भी पर न मार सके इसलिए ड्रोन और सीसीटीवी के अलावा बड़ी संख्या में विशेष तौर पर प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी. वे ऑटोमैटिक हथियारों से लैस होंगे और इन जवानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात रहने वाले (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) एसपीजी से लेकर आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) तक के स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे.
अयोध्या में बढ़ने लगी राम भक्तों की भीड़
प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है. राम मंदिर निर्माण के लिए 500 से अधिक सालों तक इंतजार किया गया है, इसलिए राम भक्त इस लम्हे को निहारना चाहते हैं. कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए सुरक्षा एजेंसी का खास तौर पर सतर्क है और फूंक फूंक कर कदम बढ़ाया जा रहा है.
सात लेयर की होगी सुरक्षा
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की अचूक सुरक्षा के लिए केंद्र और यूपी सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने साथ मिलकर 7 लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया है. पहले घेरे में SPG के कमांडो होंगे और जिनके हाथ में अत्याधुनिक हथियार होंगे. दूसरे घेरे में NSG के जवान होंगे. तीसरे घेरे में IPS अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. चौथे घेरे का जिम्मा CRPF के जवानों पर होगा. पांचवें घेरे में यूपी एटीएस के कमांडो होंगे जो किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में एक्शन लेने के लिए तैयार होंगे. छठे घेरे में आईबी और सातवें घेरे में स्थानीय पुलिस के जवानों की फौज खड़ी होगी.
देश की सबसे बड़ी हस्तियां होंगी शामिल
आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में वर्तमान में देश के जो सबसे पावरफुल लोग हैं वे शामिल होंगे. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होने वाले हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में देश-विदेश की हस्तियां शामिल होने के लिए आ रही हैं. आमंत्रित अतिथियों के अलावा लाखों की संख्या में आम लोग भी उस दिन अयोध्या पहुंचने वाले हैं, जो कार्यक्रम का तो हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन इस खास मौके पर रामनगरी में मौजूद रहेंगे.
इंस्टॉल किया गया है एंटी ड्रोन सिस्टम भी
सुरक्षा तैयारी में कार्यक्रम के दौरान संभावित तौर पर किसी भी आसमानी हमने से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं. यहां के एसपी प्रवीण रंजन मैं एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में CRPF की 6 कंपनी, PAC की 3 कंपनी, SSF की 9 कंपनी और ATS और STF की एक-एक यूनिट चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी. इसके साथ ही 300 पुलिसकर्मी, 47 फायर सर्विस, 40 रेडियो पुलिस के जवान, 37 लोकल इंटेलिजेंस, 2 बम डिटेक्शन स्कवॉड की टीम और 2 ही एंटी सबोटाज स्क्वॉड की टीम तैनात की गई हैं. इनकी तैनाती न केवल कार्यक्रम स्थल पर बल्कि मंदिर तक जाने वाले सभी रास्तों और चौराहों पर होगी ताकि किसी भी घुसपैठ को रोका जा सके. हर आने वाले पर नजर रखी जा रही है. और जो संदिग्ध दिख रहा है उसकी पहचान पूछी जा रही है.
अकेले पीएम की सुरक्षा में हजार से अधिक जवान
सबसे अधिक सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुनिश्चित की गई है. पीएम के सुरक्षा घेरे में तीन DIG , 17 SP, 40 ASP, 82 DSP, 90 इंस्पेक्टर के साथ-साथ 1000 से ज्यादा कॉन्स्टेबल और 4 कंपनी पीएसी तैनात रहेंगी. निगरानी के लिए यूपी पुलिस ने 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. जिन लोगों के दुकानों और घरों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको भी पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है.
स्नाइपर भी संभालेंगे मोर्चा
कार्यक्रम के दौरान दूर-दूर तक निगरानी रखने और किसी भी लॉन्ग रेंज अटैक को काउंटर करने के लिए स्नाइपर की भी तैनाती की गई है. उत्तर प्रदेश के डीजी एलओ प्रशांत कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि अयोध्या में माइक्रो लेवल तक सुरक्षा की तैयारी है. सरयू के तट पर सुरक्षा के लिए स्नाइपर तैनात रहेंगे तो कई जवान हाई स्पीड वोट के जरिए नजर रखेंगे. स्थानीय लोगों की मानें तो अयोध्या के ईर्द गिर्द सुरक्षा का इतना मजबूत घेरा आज से पहले कभी नहीं बना है. लोगों का कहना है कि इतना बड़ा उत्सव पहले कभी नहीं हुआ इसलिए यह बेहद खास है.