CM Yogi on Shankaracharya: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंगलवार (16 जनवरी) को पूजन विधि शुरू हो गई. इस कार्यक्रम में सैकड़ों हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. उनके स्वागत के लिए अयोध्या तैयार है. इस बीच शंकाराचार्यों के बयानों ने प्राण प्रतिष्ठा के समय को लेकर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह करना सही नहीं होगा क्योंकि मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है.


उनकी आपत्तियों पर अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रभु राम से बड़ा नहीं है.


सीएम योगी ने आज तक को दिए इंटरव्यू में कहा, ''तीर्थ क्षेत्र ने हर धर्माचार्यों को आमंत्रण भेजा है. मुझे लगता है कि यह अवसर श्रेय का नहीं है, मान अपमान का नहीं है. चाहे मैं हूं, सामान्य नागरिक हो या इस देश का बड़ा से बड़ा धर्माचार्य...कोई भी प्रभु राम से बड़ा नहीं है. हम सब राम पर आश्रित हैं. राम हम पर आश्रित नहीं हैं.'' 


'व्यवस्था राम के बगैर नहीं चल सकती'


योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''हम सब की व्यवस्था राम के बगैर नहीं चल सकती, लेकिन राम तब भी थे, जब ये परंपराएं नहीं थीं. हर किसी को बोलने का अधिकार है. हम सभी से अनुरोध करेंगे कि जो अभी नहीं आ पा रहे हैं, वो आगे पधारें. हम सुनी बातों पर विश्नास नहीं करें.'' 






बता दें कि कर्नाटक के श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ, गुजरात के द्वारका शारदा पीठ, उत्तराखंड के ज्योतिर्पीठ और ओडिशा के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्यों ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे. इसी को लेकर विपक्षी पार्टियां बीजेपी को घेर रही है. उनका कहना है कि चुनाव को देखते हुए मंदिर के उद्घाटन में जल्दबाजी की जा रही है.


वीएचपी का दावा
इसको लेकर वीएचपी ने दावा किया है कि श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ और द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का स्वागत किया है. दोनों पीठ के शंकराचार्यों ने कहा है कि वे खुश हैं और उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है.