Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी ने मना कर दिया. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य नेताओं पर हमला बोला है.


बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “कांग्रेस ने पिछले कुछ दशकों में अयोध्या में मंदिर के लिए कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी की. इसलिए, कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक तौर पर यह कहना कि वह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा समारोह) में शामिल नहीं होगी, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.”


‘कांग्रेस ने किया था बाबरी मस्जिद के पुनर्निमार्ण का वादा’


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''भगवान राम को काल्पनिक कहने वालों के लिए यह कोई नई बात नहीं है. यह वही कांग्रेस है जिसने कभी अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का वादा किया था. भगवान राम का बहिष्कार करने वाली कांग्रेस का 2024 में जनता बहिष्कार करेगी.”


'कांग्रेस की सोची समझी योजना'


बीजेपी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आरोप लगाया, ''पहले स्टालिन की डीएमके ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही. फिर शरद पवार की एनसीपी ने भगवान राम को मांस खाने वाला घोषित कर दिया था. आज कांग्रेस पार्टी ने प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया. यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि भारतीयों की आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए INDI एलायंस की सोची-समझी योजना है.''


उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान बेचा जा रहा है.


‘त्रेता युग में रावण की बुद्धि गई तो कलयुग में कांग्रेस की’


कांग्रेस को कोसने में बीजेपी यहीं नहीं रुकी, उसने आरोप लगाया कि ‘त्रेता युग में रावण की तरह कांग्रेस भी अपना दिमाग खो चुकी है.’ न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “आज भारत में राम राज्य वापस आ गया है और जो लोग राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होंगे वो जिंदगी भर पछताएंगे. त्रेता युग में रावण भी अपनी बुद्धि खो बैठा था.”


राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से कांग्रेस का इनकार


इससे पहले कांग्रेस ने घोषणा की कि मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को "सम्मानपूर्वक अस्वीकार" कर दिया है. पार्टी ने आरोप लगाया कि अयोध्या मंदिर को बीजेपी और आरएसएस ने एक "पॉलिटिकल प्रोजेक्ट" के रूप में बदल दिया. कार्यक्रम को लोकसभा चुनावों से पहले "चुनावी लाभ" के लिए काराया जा रहा है.


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