अयोध्या राम मंदिर में सोमवार (22 जनवरी) को रामलला विराजमान हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधि-पूर्वक अनुष्ठान की सारी रस्में पूरी कीं और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. इस दौरान, स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज ने जल पिलाकर पीएम मोदी का व्रत खुलवाया. इसके बाद से गोविंद गिरीजी महाराज की बहुत चर्चा हो रही है.
राम मंदिर उद्घाटन के मौके पर गोविंद देव गिरीजी महाराज ने अपने भाषण में पीएम मोदी की काफी तारीफें कीं और उनकी माता हीराबेन मोदी की भी खूब बातें कीं. ऐसे में महंत गोविंद देव गिरीजी महाराज काफी चर्चाओं में हैं और हर कोई यह जानना चाहता है कि वह कौन हैं.
कौन हैं स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज?
स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से एक हैं. वह ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं. साल 1950 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में उनका जन्म हुआ था. वह रामायण और भगवद् गीता जैसे पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं. उनके गुरु पांडुरंग शास्त्री हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 सदस्यों में जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज, जगद्गुरु माधर्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, हरिद्वार के युगपुरष परमानंद और निरमोही अखाड़े के महंत धीरेंद्र दास भी शामिल हैं. चंपत राय ट्रस्ट के महासचिव हैं.
साल 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला सुनाया था तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाई गई थी. ट्रस्ट को मंदिर निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. सरकार ने ट्रस्ट के लिए 15 सदस्यों के नाम की घोषणा की थी, जिनमें 9 स्थायी सदस्य और 6 नामांकित सदस्य शामिल थे. ट्रस्ट का सदस्य चुने जाने पर स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज ने खुशी जाहिर करते हुए खुद को भाग्यशाली बताया था. उन्होंने कहा कि सालों की कड़ी मेहनत और प्रभु रामचंद्र की पूजा करने से उन्हें भगवान राम की सेवा करने का अवसर मिला है.
पीएम मोदी को लेकर क्या बोले स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज
स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज ने पीएम मोदी की शिवाजी महाराज से तुलना करते हुए तारीफ की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को देखकर बस उस एक राजा की याद आती है जिसमें यह सबकुछ था, उस राजा का नाम था शिवाजी महाराज. स्वामी गिरीजी महाराज ने कहा कि हमने पीएम मोदी से 3 दिन का उपवास करने के लिए कहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिन का पूरा व्रत विधि-विधान से किया है. हमने 11 दिन एक समय का उपवास करने को कहा था, लेकिन आपने तो अन्न को ही त्याग दिया. गोविंद देव गिरजी महाराज ने कहा कि ऐसा तपस्वी राष्ट्रीय नेता मिलना आसान नहीं है. हमने विदेश प्रवास के लिए मना किया था, पीएम ने इसे भी माना. हमने तीन दिन भूमि शयन के लिए कहा था, लेकिन आप 11 दिन से ऐसा कर रहे हैं.
राममला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान किया था. इस दौरान, उन्हें अन्न के बजाय फल खाने थे और चारपाई पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना था. प्रधानमंत्री ने इन नियमों का विधि-पूर्वक पालन किया. स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए खुद को सिद्ध करने के लिए पीएम मोदी ने नियमावली मंगवाई थी. उन्होंने पीएण मोदी को राजर्षि की भी उपाधि दी.