अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर आखिरकार मंदिर निर्माण का कार्य आज से शुरू हो रहा है. भूमि पूजन और फिर शिलान्यास के बाद ये काम आधिकारिक तौर पर शुरू हो जाएगा. मंदिर निर्माण की इस स्थिति तक पहुंचने में कई साल लगे और इससे जुड़े आंदोलन को अलग-अलग तरह से देश का आंदोलन बनाने के प्रयास किए गए थे. ऐसा ही एक प्रयास वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने 1990 में किया था, जब उन्होंने सोमनाथ मंदिर से अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाली थी.


दरअसल, आडवाणी उस वक्त बीजेपी के अध्यक्ष थे. मंदिर निर्माण का आंदोलन उन दिनों चरम पर था. 1989 में ही विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल के पास मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया था. ऐसे में मंदिर के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए और इस मुद्दे पर राजनीतिक स्थिति मजबूत करने के लिए बीजेपी ने रथ यात्रा निकालने का फैसला किया.


इस रथ यात्रा के लिए उस वक्त पार्टी के सबसे बड़े नेता रहे आडवाणी ने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को चुना. उन्होंने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से इस यात्रा की शुरुआत की. यात्रा शुरू करने से पहले सोमनाथ मंदिर में ही आडवाणी ने पूजा की और राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया.


सोमनाथ मंदिर के विजय द्वार से शुरू हुई थी यात्रा


सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी जेडी परमार के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रथ यात्रा की शुरुआत मंदिर के विजय द्वार से की गई, जो कि अंतिम समय में लिया गया फैसला था. मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ आडवाणी ने यात्रा शुरू की.


हालांकि, 30 अक्टूबर को रथ यात्रा को अयोध्या पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन उससे पहले 23 अक्टूबर को ही बिहार के समस्तीपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर इसे रोक दिया गया और आडवाणी और प्रमोद महाजन को गिरफ्तार कर लिया गया था. रथ यात्रा पूरी न हो पाने के बावजूद इस मंदिर आंदोलन के लिए व्यापक जनसमर्थन हासिल किया था और राजनीतिक तौर बीजेपी और मजबूत हुई थी.


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