अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, महामंत्री चम्पत राय समेत अन्य सदस्य हिस्सा ले रहे हैं. शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, जे परासरण और विश्वेश तीर्थ जी व्यक्तिगत तौर पर अयोध्या नहीं आ सके इसलिए वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक में हिस्सा लेंगे. बैठक को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं -


• बैठक में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तारीख़ पर चर्चा हो सकती है. उम्मीद की जा रही है कि अगस्त के पहले हफ़्ते में पीएम भूमि पूजन की कोई तारीख़ दे दें. अगर पीएम की तरफ से 5 अगस्त या कोई भी तारीख़ दे दी गई तो न्यास अभी से कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर देगा.


• न्यास का कहना है कि 1989 में शिलान्यास किया जा चुका है. ऐसे में एक ही मंदिर के निर्माण के लिए 2 बार शिलान्यास नहीं होगा. ऐसे में अब सिर्फ गर्भ गृह के लिए भूमि पूजन का आयोजन होगा.


• श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक दिल्ली में हुई थी. इसके बाद आज अयोध्या में दूसरी बैठक हो रही है. ये बैठक कई मायनों में ख़ास है. पहली बैठक में अध्यक्ष और महामंत्री का चयन किया गया था, लेकिन इस बैठक में सभी लोग पदाधिकारी की भूमिका में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में निर्माण से जुड़ी अहम बातों पर विमर्श और फ़ैसला हो सकता है. अयोध्या की धरती पर औपचारिक तौर पर न्यास की यह पहली बैठक है.


• न्यास की बैठक से 2 दिन पहले मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने न्यास के कुछ सदस्यों के साथ अनौपचारिक बैठक की थी. इस बैठक में नृपेंद्र मिश्रा के साथ चम्पत राय और अनिल मिश्रा शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि इस बैठक में एल ऐंड टी कंपनी के कुछ अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने निर्माण को लेकर अपनी तैयारियों की जानकारी दी.


• न्यास की बैठक से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लखनऊ में बैठक की. इस बैठक में अयोध्या का चरणबद्ध तरीक़े से विकास करने पर चर्चा की गई. इसमें अयोध्या का आधारभूत विस्तार और विकास, यात्री सुविधाओं में सुधार, सड़कों का चौड़ीकरण कर सुगम यातायात, पेयजल की व्यवस्था आदि शामिल है.


• अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम एल ऐंड टी कम्पनी को दिया गया है. ऐसे में एल ऐंड टी के कई अधिकारी लगातार अयोध्या में डेरा जमाए हुए हैं. नृपेंद्र मिश्रा की मौजूदगी में कंपनी लगातार मंदिर निर्माण को लेकर अपनी तैयारियों और योजनाओं पर प्रस्तुति दे रही है. ये सारी क़वायद इसलिए क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार समेत न्यास मंदिर निर्माण का काम शुरू होने में देर नहीं होने देना चाहता.


• श्रीराम जन्मभूमि परिसर में न्यास के गठन के बाद समतलीकरण का काम शुरू हुआ था, जो अब लगभग पूरा होने को है. बाबरी विध्वंस के बाद कोर्ट ने स्टेटस को लगाया था, जिसकी वजह से परिसर में जो जैसा था, वो क़रीब 3 दशकों तक वैसे ही पड़ा रहा. ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहले समतलीकरण ज़रूरी था, जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है. रामलला को भी अस्थाई शेड वाले मंदिर में शिफ्ट किया जा चुका है. ऐसे में अब सभी को इंतज़ार है मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन का.