Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुरू हुए अनुष्ठान के दूसरे दिन (17 जनवरी) को भगवान की प्रतिकात्मक मूर्ति को मंदिर की परिक्रमा कराई गई. रामलला की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वो अभी मंदिर परिसर में नहीं पहुंची है और वह बड़ी और भारी है, इसलिए उसके साथ परिक्रमा करना संभव नहीं था, इसलिए रामलला की चांदी से बनी एक प्रतीकात्मक मूर्ति के जरिए पूजा विधि पूरी की जा रही है और बुधवार को उसका प्रतीकात्मक भ्रमण कराया गया.


मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को जानकारी दी गई थी कि बुधवार (17 जनवरी) को अपराह्न 1:20 के बाद जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा और भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा.


इस बीच यह भी खबर है कि रामलला की मूर्ति को विवेक सृष्टि ट्रस्ट से एक ट्रक में रखकर राम मंदिर ले जाया जा रहा है.


सरयू तट पर कलश पूजन भी किया गया


अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन सरयू नदी के तट पर ‘कलश पूजन’ भी किया गया. तट पर मुख्य यजमान भी मौजूद रहे. इससे पहले मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और समारोह के दिन रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े न्यूनतम जरूरी अनुष्ठानों को किया जाएगा.


पीएम मोदी होंगे विशेष अनुष्ठान में शामिल


राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के विशेष अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोग शामिल रहेंगे. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंत में पीएम मोदी भाषण देंगे, कार्यक्रम में 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति होगी.  


121 आचार्य अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय और निर्देशन कर रहे हैं. प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे.


मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे शुरू होगा और इसके दोपहर एक बजे तक संपन्न होने की संभावना है.


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