नई दिल्ली: राम मंदिर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 तारीख़ को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. तीन जजों की बेंच 10 जनवरी को तय करेगी कि मामले की सुनवाई कैसे होगी. 10 तारीख़ से पहले लिस्ट जारी होने पर पता चल जाएगा कि इस बेंच पर ये तीन जज कौन होंगे. मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि अब इसमें कोई संदेह नहीं रहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए राम मंदिर कोई अहम मुद्दा नहीं है.
पार्टी के राज्यसभा सांसद सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू जैसे अन्य मुद्दों पर तो जल्दीबाज़ी दिखाई लेकिन वो इस पर टाल मटोल कर रहा है. ये बेहद निराशाजनक है और सुप्रीम कोर्ट मामले में शीध्रता से निर्णय ले. उन्होंने कहा कि आरएसएस और वीएचपी की भी यही मांग है.
बीजेपी की प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि सोनिया गांधी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी से क्यों नहीं कहतीं कि वो अपना पक्ष वापस ले लें और मंदिर का रास्ता साफ कर दें. उन्होंने ये बात विपक्ष के उस ललकार पर कही जिसमें विपक्ष बीजेपी पर ये बोलकर हमले करता आया है कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख़ नहीं बताएंगे.
बीजेपी के अयोध्या से सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि इस बीच में ही बेंच का गठन हो जाएगा और अदालत से आग्रह है कि जल्द सुनवाई पूरी हो. देश और दुनिया के रामभक्तों की इच्छा है कि राम मंदिर जल्द बने. इस पर प्रधानमंत्री और विश्व हिंदू परिषद अपनी-अपनी राय है. उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए कानून पर भी विचार होगाऔर बहुत समय नहीं लगने वाला है क्योंकि मन्दिर बनेगा ही ये यकीन है.
हनुमान गढ़ी के महंत मनमोहन दास ने कहा अदालत लगातार मामले को लटका रहा है, ये सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने मामला लटकाया तो ढांचा टूट गया. देरी होगी तो जनता निर्णय ले सकती है. कोर्ट, संसद, सरकार जनता से ऊपर नहीं है. उन्होंने कहा कि अदालत में मामला चलने तक सरकार कुछ नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सम्मान है लेकिन अदालत मामले को लटकाए नहीं रोजाना की सुनवाई करे.
वहीं, वहां मौजूद एक राम मंदिर समर्थक राजू दास ने धमकी देते हुए कहा कि कोर्ट तारीख़ पर तारीख़, तारीख़ पर तारीख़ दे रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो राम मंदिर को लेकर कुंभ में शक्ति प्रदर्शन होगा और बलपूर्वक राम मंदिर बनाया जाएगा. मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट के फैसले को सबको मानना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला होगा वो दोनों पक्ष मानने को तैयार हैं.
कोर्ट की सुनवाई के बाद हिंदू महासभा ने कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा. मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नंद किशोर मिश्रा ने तो यहां तक कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो बंल पूर्वक राम मंदिर का निर्माण होगा. मामले पर हिंदू महासभा के नंद किशोर मिश्रा ने कहा, "न्यायालय से हिंदुओं को न्याय प्राप्त होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो न्यायालय भी संदेह के घेरे में आ जाएगा." उन्होंने न्यायालय पर कछुए की रफ्तार से चलने का आरोप लगाते हुए ये आरोप भी लगाया कि कांग्रेस के सिब्बल जैसे नेता मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
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