SC On Ram Navami Violence: रामनवमी के दौरान देश के कई राज्यों में हुई हिंसा के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य का मामला वहां के हाई कोर्ट में रखा जाना चाहिए था. इसके बाद याचिकाकर्ता 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' ने याचिका वापस ले ली.


सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, कर्नाटक और तेलंगाना की राज्य सरकारों को पक्ष बनाया गया था. इन सभी राज्यों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई थीं. 


याचिका में क्या थी मांग?
याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट राज्यों से मामले पर रिपोर्ट ले. राज्य सरकारों को दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया जाए. हिंसा के शिकार श्रद्धालुओं को मुआवजा मिले और संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली दंगाइयों से की जाए.


याचिका में इस बात का भी हवाला दिया गया था कि कई इलाकों को मुस्लिम बहुल बता कर प्रशासन वहां शोभायात्रा की अनुमति नहीं देता. अगर अनुमति मिल जाने के बाद यात्रा निकलती भी है तो वहां उस पर पथराव कर दिया जाता है. याचिकाकर्ता ने राज्यों को यह निर्देश देने की मांग की थी कि किसी इलाके को मुस्लिम बहुल क्षेत्र कह कर हिन्दू समुदाय को वहां से शोभायात्रा निकालने से न रोका जाए.


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और एम एम सुंदरेश की बेंच ने याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील विष्णु जैन की दलीलें सुनने से मना कर दिया. जजों का कहना था कि हर राज्य का मामला वहां की हाई कोर्ट में रखा जाना चाहिए. कोर्ट के रुख को देखते हुए जैन ने याचिका वापस ले ली.


ये भी पढ़ें- अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR की मांग पर SC ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस, विवादित बयान मामले में मांगा जवाब