राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती, हाईकोर्ट में की अपील
पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अप्रैल 2002 में भेजे गए एक गुमनाम खत में सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में महिला अनुयायियों के कथित यौन शोषण करने की शिकायत की गई थी.
चंडीगढ़: जेल में बंद रेप का दोषी राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट की तरफ से 20 साल की कैद की सजा सुनाए जाने को चुनौती देते हुए सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील दायर की. पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम को 28 अगस्त को 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी.
बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग नरवाना ने कहा, ‘‘हमने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज अपील दायर की. इसके जरिए हमने सीबीआई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. ’’ उन्होंने कहा कि कई आधारों पर सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘एक आधार यह है कि घटना के बाद सीबीआई की तरफ से महिलाओं के बयान दर्ज करने में छह साल की देरी की गई. ’’ उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दावा किया है कि दोनों महिला अनुयायियों का 1999 में यौन उत्पीड़न किया गया और एजेंसी ने 2005 में बयान दर्ज किया. नरवाना ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने पीड़िता के बयान का कुछ हिस्सा छिपा भी लिया.
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 25 अगस्त को राम रहीम को इस मामले में दोषी ठहराया था जिसके बाद पंचकूला और सिरसा जिलों में हिंसा और आगजनी हुई थी. इस हिंसा में 41 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे. राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में है.
पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अप्रैल 2002 में भेजे गए एक गुमनाम खत में सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में महिला अनुयायियों के कथित यौन शोषण करने की शिकायत की गई थी. हाईकोर्ट ने मई, 2002 में सिरसा डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट को इस आरोप की जांच करने का निर्देश दिया. जब जिला अदालत ने यौन शोषण की संभावना का संकेत दिया तब सितंबर, 2002 में हाईकोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने दिसंबर 2002 में राम रहीम के खिलाफ रेप और अपराधिक धौंसपट्टी का मामला दर्ज किया था.