PM Modi Mann ki Baat Effect: बिहार (Bihar) के गोपालगंज जिले के उचकागांव प्रखंड के अंतर्गत माझा इमिलिया गांव में रहने वाले राम सागर यादव (Ram Sagar Yadav) बैंक मैनेजर की नौकरी छोड़ने के बाद एक सफल व्यवसायी बन चुके हैं. यादव के मुताबिक, जब नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और उनका पहला 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम आया था, उसे सुनकर ही उन्हें खादी (Khadi) का काम करने की प्रेरणा मिली थी.
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के अपने पहले मन की बात कार्यक्रम में खादी का जिक्र किया था, वहीं से उन्हें लगा कि इस पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बाद उनका मन तब पूरी तरह से व्यापार में उतरने के लिए पक्का हो गया जब चंपारण के एक आश्रम में जाकर खादी का काम देखा. यादव ने बताया कि खादी का काम जॉब करते हुए शुरू कर दिया था लेकिन 2019 में इसी में पूरी तरह उतर गए थे. उन्होंने बताया कि वह एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में मैनेजर थे. राम सागर यादव के स्टार्टअप का नाम 'कुशग्राम खादी ग्रामोद्योग संस्थान' है. बकौल यादव वर्तमान में वह गांव के 70 लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं.
धागे से लेकर ड्रेस तक होता है काम
राम सागर यादव ने बताया कि कारखाने में कपास से धागा बनाने से लेकर हथकरखे से कपड़े की बुनाई और फिर उसे पूरी तरह से तैयार करने का काम किया जाता है. कपड़े की रंगाई भी होती है और युवा पीढ़ी के लिए प्रिंटेड खादी का कपड़ा तैयार किया जाता है. इसके अलावा महिलाओं के लिए खादी की साड़ी भी तैयार होती है.
यादव के मुताबिक, उनके कारखाने में कुर्ता-पायजामा का कपड़ा, शर्ट-पैंट का कपड़ा और खादी की सदरी (जैकेट) तैयार की जाती है. उन्होंने बताया कि सदरी की डिमांड बिहार से ज्यादा उत्तर प्रदेश में है. वर्तमान में प्रोडक्ट्स की डिमांड इतनी है कि पूरी नहीं कर पा रहे हैं.
रिलायंस को दे रहे प्रोडक्ट
राम सागर यादव ने बताया कि हाल में रिलायंस कंपनी ने उनसे माल लेने के लिए टाईअप किया है. इसके लिए एक टीम ने उनके कारखाने का निरीक्षण किया था और फिर अपनी लैब में माल को परखने के बाद ऑर्डर दे दिया. यादव ने दावा किया है कि बिहार में उनका इकलौता कारखाना है, जिससे रिलायंस ने टाईअप किया है.
और क्या-क्या प्रोडक्ट्स बनते हैं?
राम सागर यादव ने बताया कि कपड़े के अलावा, वह ऑर्गेनिक हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, अगरबत्ती, साबुन आदि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह एक खास किस्म के पपीते का नहाने वाला साबुन बनाते हैं, जिसमें पपीते के बीज का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि साबुन जैसे उत्पादों में बेहद जरूरी और कम हानिकारक केमिकल का मामूली प्रयोग किया जाता, जिससे लोगों को नुकसान होने की संभान न के बराबर है.
राम सागर यादव ने बताया अपना सपना
राम सागर यादव ने कहा कि अब तक उन्होंने 70 लोगों को जॉब दे दी है, जिनमें काफी संख्या में महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि एक लाख महिलाओं को रोजगार दें और खादी हर घर में, हर बदन पर दिखे, इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं.
युवाओं को दिया ये संदेश
सफल खादी व्यवसायी राम सागर यादव ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, ''आप जॉब करते हैं तो अपना और परिवार का भरण पोषण करते हैं, अगर आप स्टार्टअप चालू करते हैं तो बहुत सारे परिवारों को भोजन देते हैं. अगर आपको आता हो तो एक रोजगार करना चाहिए, एक स्टार्टअप चालू करना चाहिए.''