अमेरिकी चैनल का दावा, मानव निर्मित है रामसेतु, किया ये बड़ा खुलासा
अमेरिका के साइंस चैनल ने एक शोध किया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत और श्रीलंका के बीच जो पुल है वो मानव निर्मित ही है.
नई दिल्ली: अमेरिका के साइंस चैनल ने एक शोध किया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत और श्रीलंका के बीच जो पुल है वो मानव निर्मित ही है. साफ है कि इस शोध से एक बार फिर रामसेतु की अवधारणा को बल मिला है. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक भागवान राम ने माता सीता को लंका के राजा रावण की कैद से छुड़ाने के लिए इस पुल का निर्माण कराया था.
इस पुल को एडम्स पुल भी कहा जाता है. शोध के मुताबिक ये पुल करीब 7 हजार साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 30 मील है. 7 हजार साल पहले बिना मशीनों के इस पुल को भला कैसे बनाया गया होगा?
रामायण की कहानी के मुताबिक राम ने पहले समुद्र से रास्ता मांगा था लेकिन तीन दिन तक यज्ञ के बावजूद समुद्र ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने अग्निबाण से समुद्र को सुखा देने के बारे में सोचा. समुद्र वहां पहुंचा और कहा कि नल और नील के पास पुल बनाने की कला है और वह लंका तक पुल बना सकते हैं.
नल और नील ने एक ऐसा पुल बनाया जिसके पत्थर पानी पर तैरते थे. रामेश्वर में अभी भी कुछ ऐसे पत्थर पूजे जाते हैं. कई हिन्दू ग्रंथों में इस पुल का उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि सुनामी और अन्य समुद्री तूफानों के कारण ये पुल छिन्न-भिन्न हो गया.
इस बीच एक ऐसी बहस भी चली जिसमें इस पुल के मानव निर्मित होने पर सवाल उठाए गए. दरअसल कुछ लोगों का मानना है कि ये प्राकृतिक संरचना है और इसे राम द्वारा नहीं बनवाया गया था. माना ये भी जाता है कि इस पुल के नीचे कहीं यूरेनियम का भंडार भी है.
रामसेतु तब भी सुर्खियों में आया था जब इसे तोड़ कर रास्ता बनाए जाने की बातें हो रही थीं. अब रामसेतु एक बार फिर ना केवल सुर्खियों में है बल्कि सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है. बीजेपी नेता साइंस चैनल के ट्वीट को रिट्वीट कर रहे हैं.
Are the ancient Hindu myths of a land bridge connecting India and Sri Lanka true? Scientific analysis suggests they are. #WhatonEarth pic.twitter.com/EKcoGzlEET
— Science Channel (@ScienceChannel) December 11, 2017