दिल्ली में पानी की गुणवत्ता के मामले पर शुरू हुई राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर पत्र लिखा है. अपने पत्र में पासवान ने केंद्र और दिल्ली सरकार की संयुक्त जांच टीम बनाने की मांग दोहराई है.
पासवान ने फिर की संयुक्त जांच की मांग
अपने पत्र में रामविलास पासवान ने अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर दिल्ली जल बोर्ड और भारतीय मानक ब्यूरो की संयुक्त टीम बनाकर दिल्ली में पानी की जांच की मांग की है. पासवान ने लिखा है कि संयुक्त टीम बनाने के लिए उनके मंत्रालय की तरफ से तो 32 अधिकारियों का नाम 20 नवम्बर को ही दे दिया गया था लेकिन अब तक केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ओर से नाम नहीं भेजा है. पासवान ने केजरीवाल से तुरन्त दिल्ली सरकार की ओर से उन 32 अधिकारियों के नाम मांगे हैं जिनकी घोषणा ख़ुद अरविंद केजरीवाल कर चुके हैं.
बीआईएस को बदनाम करने की कोशिश
पासवान ने अपने पत्र में केजरीवाल पर बीआईएस यानी भारतीय मानक ब्यूरो की साख धूमिल करने की कोशिश का भी आरोप लगाया है. पासवान ने लिखा है कि जब खुद केजरीवाल यह मान चुके हैं कि दिल्ली में गंदे पानी की शिकायतें आई हैं तो फिर बीआईएस की रिपोर्ट पर वह सवाल कैसे खड़ा कर सकते हैं. इसी संदर्भ में पासवान ने लिखा है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त टीम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से पानी के नमूने इकट्ठा करे और उसे एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त किसी लैब से ही जांच करवाई जाए.
केजरीवाल पर है साफ पानी देने की ज़िम्मेदारी
चूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली जल बोर्ड के पदेन अध्यक्ष हैं लिहाजा पासवान ने कहा है कि दिल्ली के लोगों को साफ पानी मुहैया करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. पासवान ने एक बार फिर दवा किया कि उनकी मुहिम का मकसद केवल देश और दिल्ली की जनता को साफ पानी मुहैया कराने की है.
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