लालू परिवार पर लगे आरोपों को लेकर ‘मौनी बाबा’ क्यों बने हुए हैं नीतीश कुमार: रामविलास पासवान
पटना: एलजेपी प्रमुख और केन्द्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार पर ‘बेनामी’ संपत्ति को लेकर लग रहे आरोपों की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आज सवाल किया कि वह मामले में ‘मौनी बाबा’ क्यों बने हुए हैं?. उन्होंने कहा नीतीश को अपनी जुबान खोलनी चाहिए.
एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों ने पासवान से बीजेपी द्वारा लालू और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में पूछा तो, पासवान ने कहा, ‘‘मैं लालू जी और उनके परिवार का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन प्रदेश में जितनी भी घटनाएं घट रही हैं, चाहे वह भ्रष्टाचार या गिरती विधि व्यवस्था का मामला, या कोर्ट का निर्णय हो, वह (नीतीश कुमार) मौनी बाबा क्यों बने हुए हैं? उनको जुबान खोलनी चाहिए हां या न में. कम से कम बोले तो कि सही या गलत है. सरकार का एक अंग (लालू की पार्टी) है और सबसे बड़ा दल है उसपर आरोप लगातार लग रहे हैं.’’ उन्होंने नीतीश कुमार के बिहार में सत्ता में रहते इस प्रदेश का ‘सत्यानाश’ हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें फिर से सत्ता में लाकर प्रदेश की जनता अब पछता रही है.
रामविलास ने कहा कि नीतीश कुमार रोडमैप बनाकर केंद्र सरकार को दें कि उन्हें किस कार्य के लिए कितनी राशि राशि चाहिए. दलित राष्ट्रपति की मांग और उसको लेकर उनके नाम की चर्चा के बारे में पूछा जाने पर पासवान ने कहा ‘‘दलित राष्ट्रपति हो यह मुद्दा उन्होंने 1990 में उठाया था और दिल्ली में देश भर के दलित सांसदों की बैठक की और पदयात्रा की. के आर नारायणन को पहले उपराष्ट्रपति और बाद में राष्ट्रपति बनाया गया. अब केंद्र में राजग की सरकार है वह सोच रही है पर हमलोग सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं.’’ उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद विपक्षी दलों के ईवीएम को मुद्दा बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि एलजेपी निर्वाचन आयोग के उस तर्क से सहमत है कि इवीएम के साथ छेड़छाड़ करना आसान नहीं है लेकिन उसमें और भी पारदर्शिता की आवश्यक्ता होगी तो लायी जाएगी. केंद्र सरकार उसके पक्ष में है.
नौ लाख लीटर शराब चूहे पी गये, शराबबंदी अभियान की इससे अधिक हास्यापद स्थिति क्या होगी ?
रामविलास पासवान ने बिहार में पूर्णशराबबंदी के मद्देनजर शराब के सेवन और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार के सघन अभियान छेड़े जाने के बीच राज्य में जब्त और पुलिस गोदाम में रखा करीब नौ लाख लीटर शराब के चूहों द्वारा गटक जाने के मामले पर आज चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान को मात्र एक ‘ढकोसला’ करार देते हुए कहा कि ‘‘इससे हास्यापद स्थिति क्या हो सकतीर है?’’
पासवान से जब पूछा गया था कि वह 10 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शराबबंदी को लेकर हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक पर क्या सोचते हैं? पासवान ने जवाब में कहा, शराबबंदी मात्र एक ‘ढकोसला’ है. उन्होंने दावा किया, ‘‘शराब यहां सात जन्म में भी बंद नहीं होने वाला है क्योंकि शराबबंदी के कारण प्रदेश में से नौकरशाही स्तर पर और भी भ्रष्टाचार बढ गया है और अब निचले स्तर तक के अधिकारी लाखपति बनते जा रहे हैं. सबका सबसे सांठगांठ हो गया है. सीधे घर में शराब की आपूर्ति हो रही है.’’
राज्य में जब्त और पुलिस गोदाम में रखा करीब नौ लाख लीटर शराब चूहों द्वारा गटक जाने संबंधी मामले पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान की इससे ज्यादा हास्यापद स्थिति क्या होगी? यह जितना अधिक उसके बारे में चर्चा कर रहे हैं, प्रदेश में जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की घटना सहित लोगों की परेशानियां उतना ही अधिक बढती जा रही हैं.’’ शराबबंदी के लागू होने के करीब 14 महीने बाद भी राज्य में जारी शराब तस्करी पर चिंता जताते हुए एलजेपी प्रमुख ने नीतीश पर आरोप लगाया, ‘‘अपने पिछले दस साल के शासनकाल के दौरान उन्होंने लोगों को शराब पिलाया, गांव-गांव में शराब की दुकानें खुलवायीं और अब दिखावे के लिए शराबबंदी की बातें कर रहे हैं.’’