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रामविलास पासवान: भारत की राजनीति के 'मौसम वैज्ञानिक', पांच दशक से ज्यादा रहा राजनीतिक सफर
पांच दशक से भी ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर में रामविलास पासवान 8 बार लोकसभा के सदस्य रहे. पिछले दो दशक में वह लगभग हर केंद्र सरकार में शामिल रहे और मंत्री भी बनें.
![रामविलास पासवान: भारत की राजनीति के 'मौसम वैज्ञानिक', पांच दशक से ज्यादा रहा राजनीतिक सफर Ram Vilas Paswan: 'Meteorologist' of India's politics, political journey over five decades रामविलास पासवान: भारत की राजनीति के 'मौसम वैज्ञानिक', पांच दशक से ज्यादा रहा राजनीतिक सफर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/10/09024836/ram.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवन का गुरुवार शाम निधन हो गया. उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. राम विलास पासवान केंद्र सरकार में उपभोक्ता मंत्री थे. लंबे वक़्त से उनकी तबीयत ख़राब चल रही थी.
पांच दशक से भी ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर में वह 8 बार लोकसभा के सदस्य रहे. पिछले दो दशक में वह लगभग हर केंद्र सरकार में शामिल रहे और मंत्री बनें.
रामविलास पासवान का जन्म एक दलित परवार में 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शाहरबन्नी गांव में हुआ. 1969 में उनका चयन डीएसपी पद के लिए हो गया था लेकिन उनकी किस्मत में राजनीति लिखी थी.
रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर 1969 में हुआ था वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा के सदस्य बने थे. इमरजेंसी के दौरान वह जेल में रहे और आपतकाल खत्म होने के बाद उन्होंने जनता दल ज्वाइन कर लिया.
जनता दल के ही टिकट पर उन्होंने हाजीपुर संसदीय सीट से 1977 का आम चुनाव लड़ा और एतिहासिक अंतर से जीत दर्ज की. पासवान ने 1980 और 1989 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की. विश्वनाथ प्रताप सिंह की कैबिनेट में वह पहली बार केंद्र में मंत्री बनें.
इसके बाद वह केंद्र की राजनीति में हमेशा सक्रिय रहे. वह कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस, कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू के साथ कई गठबंधनों में रहे और केंद्र सरकार में मंत्री बने रहे. उन्होंने विभिन्न सरकारों में रेल से लेकर दूरसंचार और कोयला मंत्रालय तक की जिम्मेदारी संभाली. शायद यही वजह थी कि उन्हें भारतीय राजनीति का 'मौसम वैज्ञानिक' कहा जाने लगा क्योंकि केंद्र में किसी की भी सरकार बने वह मंत्री जरूर बन जाते थे.
2002 में गुजरात दंगों की वजह से उन्हें वाजपेयी सरकार से इस्तीफा दिया और एनडीए भी छोड़ दिया. इसके बाद वह यूपीए से जुड़े और मनमोहन सिंह के दोनों कार्यकाल में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली. 2014 में वह राजनीतिक हवा भांप गए और यूपीए छोड़ कर फिर से एनडीए का दामन थाम लिया. 2014 और फिर 2019 में बनी नरेंद्र मोदी की दोनों सरकारों में वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहे.
राम विलास पासवान ने दो शादियां की. उनकी पहली पत्नी से दो बेटियां हैं, जबकि दूसरी पत्नी से एक बेटे चिराग पासवान व एक बेटी है. यह भी पढ़ें: LIVE: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन, राजनीतिक जगत में शोक की लहरट्रेंडिंग न्यूज
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