नेकियों के मौसम-ए-बहार का महीना रमजान-उल-मुबारक शुरू, पीएम मोदी ने दी बधाई
रोज़ा शुरु होने के 29 या फिर 30 दिनों के बाद चांद देखकर ही रमजान का महीना खत्म होता और अगले दिन ईद मनाई जाती है, जिसे इद-उल-फितर कहा जाता है.
नई दिल्ली: इस्लाम धर्म का पाक महीना रमज़ान आज से शुरू हो गया है. इस्लाम धर्म में इस महीने को काफी अहमियत दी जाती है. लोग पूरे महीने इबादतों में मशगूल रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस पाक महीने में आम दिनों में किए गए नेकी के काम की तुलना में 70 गुना अधिक नेकी मिलती है. मुसलमान इस महीने को इबादतों का महीना मानते हैं. इस दौरान वो दिनभर सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं, शाम को इफ्तार (शाम को रोजा खत्म करने के लिए खाया जाना वाला खाना) करते हैं और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते हैं और रात की आखिरी पहर में सेहरी (रोजा शुरू होने से पहले का खाना) खाते हैं.
देखने लायक होती है बाजारों की रौनक
रमज़ान के मौके पर बाजारों की रौनक देखने लायक होती है. हर तरफ रौशनी ही रौशनी होती है और खूब चहल पहल देखने को मिलती है. बाज़ारों में मिठाई और सिवईयों की अलग अलग किस्में लोगों को खूब लुभाती हैं. जैसे-जैसे रमजान का सफर आगे बढ़े यानि ईद करीब आएगी, खरीदारी का दौर भी जमकर चलेगा.
रमजान में रोज़े की शुरुआत चांद देखकर की जाती है और अगले एक महीने तक मुसलमान रोज़ा रखते हैं. रोज़ा शुरु होने के 29 या फिर 30 दिनों के बाद चांद देखकर ही रमजान का महीना खत्म होता और अगले दिन ईद मनाई जाती है, जिसे इद-उल-फितर कहा जाता है.
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पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रमजान के पवित्र महीने के शुभारंभ पर लोगों को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रमजान के पवित्र महीने के शुरू होने पर बधाई. यह पावन महीना हमारे समाज में सौहार्द्र, खुशहाली और भाईचारा बढाए.’’
Greetings on the start of the holy month of Ramzan. May this auspicious month further the spirit of harmony, happiness and brotherhood in our society.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) May 6, 2019
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘’रमज़ान के पाक महीने की सब को बहुत बहुत शुभकामनाएं.’’
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बाजारों में देखी जा रही है चहल पहल
रमजान शुरू होते ही बाजारों की रौनक बढ़ गई है. इस पाक महीने में इबादत के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय का इफ्तार और सेहरी की तैयारियों के लिए बाजारों में आना जाना शुरू हो जाता है. इफ्तार में आमतौर पर ज्यादातर मुसलमान फलों का सेवन करते हैं. साथ ही खजूर खाना भी काफी अहम माना जाता है.
इबादत में गुजरता है पूरा दिन-रात
इस महीने में रोज़ेदार सुबह की अज़ान (करीब 4 बजे) से पहले सेहरी करते हैं यानि कुछ खाते हैं और फिर दिनभर बिना कुछ खाए पिए बिताते हैं. शाम में मग़रिब की अज़ान यानि करीब 7 बजे के बाद इफ्तार के साथ अपना रोज़ा खोलते हैं. इस दौरान मुसलमान किसी तरह के भी खाने पीने की चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
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