Saudi Arabia Moon: दुनिया में सेंट ऑफ इस्लाफ कहे जाने वाले सऊदी अरब में मंगलवार (21 मार्च) को चांद का दीदार नहीं हो पाया है. अब ऐसे में इस्लाम का पवित्र महीना रमजान 23 मार्च से शुरु होगा. अगर सऊदी अरब में चांद दिख जाता तो बुधवार (22 मार्च) को पहला रोजा रखा जाता लेकिन अब 23 मार्च यानि गुरुवार को रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होगी ऐसा कहा जा रहा है.


खलीज टाइम्स ने बताया है कि किंगडम के सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत करने वाला अर्ध चांद मंगलवार शाम को नहीं देखा गया है. इसलिए बुधवार 22 मार्च शाबान महीने का आखिरी दिन होगा और रमजान का पवित्र महीना 23 मार्च से शुरू होगा. इस्लामिक कैलेंडर आमतौर पर तो 29 या 30 दिन का होता है और महीने की शुरुआत और अंत अर्धचंद्र पर निर्भर करता है, यही वजह है कि रमजान को सालाना किसी खास दिन पर सेट नहीं किया जाता है.


फिर देखा जाएगा चांद


किंगडम की चांद देखने वाली समिति बुधवार (22 मार्च) को चांद दिखने की पुष्टि करने के लिए फिर से एक मीटिंग करेगी. इससे पहले, सऊदी अरब ने मुसलमानों से रमजान के पवित्र महीने के चांद को देखने का आह्वान किया था और कहा था कि जो भी कोई चांद को देखे वो अपने नजदीकी कोर्ट में रिपोर्ट करे. चाहे वो बिना दूरबीन के हो या फिर दूरबीन के जरिए.


रमजान में पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान में पूरे महीने रोजे के लिए 30 दिन को 3 अशरों में बांटा गया है. पहले 10 दिन का रोजा रहमत, दूसरे 10 दिन का रोजा बरकत और आखिर 10 दिन का रोजा मगफिरत कहलाता है. रमजान खत्म होने के बाद ईद (Eid) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल ईद का जश्न 21 अप्रैल 2023 को है.


रमजान में रोजेदार को सही समय पर सेहरी और इफ्तार करनी चाहिए. सूर्योदय से पहले किए गए भोजन को सेहरी कहते हैं और सूर्योदय के बाद रोजा खोलते समय किए गए भोजन को इफ्तार कहा जाता है. सेहरी करने के बाद पूरे दिन कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है. शाम में नमाज पढ़ने और सूर्योदय होने पर इफ्तार किया जाता है. हालांकि बहुत छोटे बच्चे, बीमार लोग, गर्भवती महिला और वृद्ध लोगों को रमजान में रोजा रखने की छूट दी गई है.


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