2019 Ramalingam Murder Case: साल 2019 के फरवरी के महीने में हुए रामलिंगम मर्डर केस के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार (23 जुलाई) को तमिलनाडु में छापेमारी की है. एजेंसी ने राज्य के 9 जिलों में 21 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया.
समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, रामलिंगम ने हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित करने में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का विरोध किया था. सूत्रों ने कहा, “एनआईए ने खुफिया जानकारी के आधार पर प्रतिबंधित पीएफआई संगठन से जुड़े संदिग्धों के परिसरों और ठिकानों पर ये तलाशी ली.”
बता दें कि 2 अगस्त 2021 को NIA ने मामले में एक फरार मुख्य साजिशकर्ता रहमान सादिक (41) को गिरफ्तार किया था.
साल 2019 में हुई थी रामलिंगम की हत्या
5 फरवरी, 2019 को रामलिंगम की हत्या की गई थी. एक दिन बाद यानी 6 फरवरी, 2019 को तमिलनाडु के तंजावुर जिले के थिरुविदाईमारुथुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
एनआईए के मुताबिक, हत्या का उद्देश्य लोगों के एक विशेष वर्ग के मन में आतंक पैदा करना, विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना और बदला लेना और रामलिंगम को सबक सिखाना था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामलिंगम ने आरोपी मोहम्मद फारूख के माथे पर ‘थिरुनीर’ (पवित्र राख) लगाया था और उसकी ‘तकियाह’ (टोपी) को हटा दिया था. रामलिंगम ये दिखाना चाहता था कि सभी धर्म समान हैं.
एनआईए ने 7 मार्च, 2019 को मामला फिर से दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली. एजेंसी ने इससे पहले 2 अगस्त, 2019 को 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. रहमान सादिक की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने कहा कि वह तमिलनाडु के तंजावुर जिले में पीएफआई के लिए काम करता था.
एनआईए ने कहा कि रहमान सादिक ने वारदात को अंजाम देने के लिए सदस्यों की भर्ती में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. रामलिंगम की हत्या करने के बाद आरोपी रहमान सादिक पकड़े जाने से पहले तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर छिपा हुआ था.
उसकी गिरफ्तारी से संबंधित जानकारी के लिए एनआईए की ओर से 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी और उसे एनआईए विशेष अदालत की ओर से वांटेड भी घोषित किया गया था.
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