Ramcharitmanas Conflict: उत्तर प्रदेश के बदायूं से भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद संघमित्रा मौर्य ने श्रीरामचरितमानस पर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से उपजे विवाद से किनारा करते हुए कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव पर ध्यान दे रही हैं और वह बीजेपी के टिकट पर ही आगामी आम चुनाव लड़ेंगी.


संघमित्रा मौर्य ने कहा, "अब इस विवाद को खत्म करिए मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है और मैं आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बदायूं से दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं." साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर बदायूं से लोकसभा की सांसद चुनी गयीं. संघमित्रा मौर्य गौतम 2024 के आम चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. एमबीबीएस संघमित्रा मौर्य (38) ने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को हराया था.


'बीजेपी के टिकट लड़ूंगी अगला चुनाव'


रामचरितमानस को लेकर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद बयान पर सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा, "सारी चीजें स्पष्ट हो चुकी हैं. इस पर इतना बवाल क्यों हो रहा है खत्म करिए अब इस मामले को" उन्होंने कहा, किसी और विषय पर आप बात करना चाहते हों तो करिए. मैं इस विषय पर अब बात नहीं करना चाहती हूं. मेरा इस विवाद से कोई लेना देना नहीं हैं. 2024 के आम चुनाव में बदायूं से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर सांसद मौर्य ने कहा अगला लोकसभा बदायूं से ही लड़ेंगे. बदायूं में हम लगातार बने हुए हैं. लगातार काम कर रहे हैं. आप चाहें तो पता भी कर सकते हैं. अब भी मैं बदायूं में काम कर रही हूं और बीजेपी से ही अगला चुनाव लड़ूंगी.


रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य दिया था बयान


उन्होंने कहा मैं बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अगला लोकसभा चुनाव बदायूं से ही लड़ूंगी. संघमित्रा के पिता और उत्तर प्रदेश में बीजेपी  के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 फरवरी को तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि इससे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है. सपा नेता मौर्य ने कहा था. धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्ही पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है. रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है.


 लाखों लोगों की भावनाएं हो रही हैं आहत 


मौर्य ने कहा था, इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. इसी तरह से रामचरितमानस की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए. यह उनकी भावनाओं को आहत करने वाली बात है. जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं. अगर तुलसीदास की रामचरितमानस पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है. तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों, महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती. क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है. उन्होंने कहा था, रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.


बीजेपी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा


इससे पहले बीजेपी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने 25 फरवरी को बदायूं में पत्रकारों से कहा था कि उनके पिता ने श्रीरामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया है. उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए. बदायूं से बीजेपी  की सांसद संघमित्रा ने संवाददाताओं से बातचीत में अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा था. पिता जी ने रामचरितमानस को पढ़ा है. हालांकि मेरी इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं हुई है. लेकिन उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है. जहां भगवान राम ने जाति को महत्व दिए बगैर शबरी के जूठे बेर खाये वहीं उस चौपायी में जाति का वर्णन किया गया है. 


 बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए है स्वामी प्रसाद मौर्य


उन्होंने कहा था अगर स्वामी प्रसाद मौर्य उस पंक्ति का जिक्र करके स्पष्टीकरण मांगा है तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए. यह विषय मीडिया में बैठ कर बहस करने का नहीं है. हमें लगता है कि यह विश्लेषण का विषय है. इस पर विद्वानों के साथ बैठकर चर्चा होनी चाहिए. मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गये थे. मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन हार गए थे. हालांकि बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया.


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