Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस को लेकर उठे विवाद के बीच पूर्व जेडीयू नेता और राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा है. अजय आलोक ने कहा कि जब रामचरितमानस पर अमर्यादित टिप्पणी होती है तो इन नेताओं की तरफ से कोई विरोध नहीं होता है.
अजय आलोक एक टीवी डिबेट में धार्मिक सहिष्णुता के संदर्भ में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के बयान का उदाहरण देते हुए कहा, 'एक पार्टी के प्रधान ने कहा कि ऐसी बातों पर लगाम लगाएं जिससे समाज में वैमनस्य फैले. पीएम मोदी ने यह बिल्कुल सही बात कही, लेकिन ऐसे नेताओं (विपक्षी) का क्या करेंगे, जब रामचरितमानस के ऊपर सवाल उठता है तो इन लोगों के मुंह में दही जम जाती है.'
इसी चर्चा में अजय आलोक ने बिना नाम लिए मुलायम सिंह यादव के लड़कों से गलती वाले बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब रेप की बात होती है तो नेता कहते हैं कि लड़कों से गलती हो जाती है. क्या मतलब, फांसी दे दें.
रामचरितमानस पर बयानों की बाढ़
पिछले कुछ दिनों में रामचरितमानस को लेकर बयानों की बाढ़ आई हुई है. हालिया सबसे पहला बयान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का था. आरजेडी नेता और नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा था. इसके लिए उन्होंने इसकी चौपाइयों का उदाहरण भी दिया था. उन्होंने कहा एक समय में मनुस्मृति, दूसरे में रामचरितमानस और तीसरे काल में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स नफरन फैलाने वाले ग्रंथ हैं. उनके बयान का जमकर विरोध हुआ था.
मौर्य के बयान पर बवाल
सपा नेता और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दे डाला. एक निजी चैनल से बातचीत में मौर्य ने कहा, रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया है. रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों का हवाला देते हुए कहा, इसमें लिखा गया है कि ब्राह्मण चाहे गुणहीन ही हो, उसकी पूजा करनी चाहिए. वहीं, शूद्र चाहे वेद भी जानता हो वह पूजनीय नहीं है. क्या यही धर्म है? उन्होंने यह भी कहा, करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते हैं. मौर्य के बयान का जमकर विरोध हो रहा है.
केएस भगवान ने की राम पर अमर्यादित टिप्पणी
कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने सीधे भगवान राम पर अमर्यादित टिप्पणी कर डाली. उन्होंने वाल्मीकि रामायण का हवाला देते हुए कहा कि राम नशे का सेवन करते थे. कन्नड़ लेखक ने कहा कि वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि राम दोपहर से ही पत्नी सीता के साथ बैठ जाते थे और बाकी दिन शराब पीते थे.
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