Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस को लेकर विवादित बयानबाजी करने वाले एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव बनाने का ऐलान किया है. नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्वामी प्रसाद मौर्य का कद सपा के दिग्गज नेताओं शिवपाल सिंह यादव और आजम खान के बराबर पहुंच गया है. इस ऐलान के बाद बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अपनी मौन सहमति दे दी है..


बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को रामचरित मानस का अपमान करने का पुरस्कार मिला है. उन्होंने ये भी कहा कि सपा हिंदुओं से डरी हुई है. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा उत्तर प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहती है और जातीय संघर्ष पैदा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सपा अपनी इस योजना में कामयाब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मौर्य को पुरस्कार देना समाजवादी पार्टी की रणनीति का हिस्सा है.


बाहर आया अखिलेश का हिंदूविरोधी और जातिवादी चेहरा- बीजेपी प्रवक्ता


बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि इस फैसले से अखिलेश यादव का हिंदूविरोधी और जातिवादी चेहरा खुलकर सबके सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का अपमान करने का पुरस्कार आखिरकार स्वामी प्रसाद मौर्य को मिल ही गया. त्रिपाठी ने कहा कि सपा अध्यक्ष से मौर्य पर कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन उन्होंने स्वामी प्रसाद को पुरस्कार दिया. 


सपा के 14 राष्ट्रीय महासचिवों में एक भी ब्राह्मण-ठाकुर नहीं


समाजवादी पार्टी ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 14 नेताओं को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार ओबीसी कार्ड खेलते हुए कई पिछड़ी जातियों के नेताओं को कार्यकारिणी में शामिल किया है. सपा के राष्ट्रीय महासचिवों में एक भी ब्राह्मण और ठाकुर को जगह नहीं मिली है. स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा शिवपाल यादव, आजम खान समेत 11 लोगों को राष्ट्रीय महासचिव का ओहदा दिया गया है. 


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