Ramcharitmanas Row: उत्तर प्रदेश में इन दिनों रामचरित मानस को लेकर काफी सियासी वार-पलटवार हो रहे हैं, इस विवाद के केंद्र में इसके जन्मदाता स्वामी प्रसाद मौर्य हैं, जो पूर्व में बीजेपी नेता थे, इन दिनों समाजवादी पार्टी के नव-नियुक्त राष्ट्रीय महासचिव हैं. मौर्य रामचरित मानस को लेकर दिए गए अपने बयान पर अड़े हुए हैं, उन्होंने गुरुवार (2 फरवरी) को फिर एक ट्वीट किया है. 


मौर्य ने आज किए अपने ट्वीट में कहा है कि इंडियंस आर डाग कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान और बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से की थी, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था. ठीक उसी तरह धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं और शूद्र समाज पर की जाती हैं उसका दर्द भी सिर्फ महिलाएं और शुद्र समाज ही समझता है. उन्होंने कहा कि गाली देने वाला समाज उस पीड़ा को नहीं समझ सकता है. 






क्या है पूरा विवाद
बीते महीने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस में लिखी चौपाइयों का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि जो धर्म  आदिवासी, दलित, पिछड़े, और महिलाओं का विरोध करता है, शूद्रों के सत्यानाश की बात करता है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो जो हमारे सत्यानाश की बात करता है. 


उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई. उसके बाद अपने एक दूसरे ट्वीट में मौर्य ने कहा कि धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलता, ठीक उसी तरह इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा. 


क्या बोले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ?
इस विवाद पर बीते दिन बुधवार को सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया आ गई है. सीएम योगी ने कहा कि रामचरित मानस का मुद्दा इसलिए उठाया जा रहा है ताकि सरकार ने जो काम किया है उससे लोगों का ध्यान भटकाया जा सके. जिन लोगों का यूपी के विकास में कोई योगदान नहीं है वह जानबूझकर इस मुद्दे को उठा रहे हैं, वह लोग अब रामचरित मानस का मुद्दा उठा रहे हैं.


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