'आरक्षण में क्रीमी लेयर मंजूर नहीं', कोटे में कोटा पर पीएम से भरोसा मिलने के बाद बोले अठावले
Quota Row: कोटे में कोटा के इस फैसले का विरोध सिर्फ रामदास अठावले ही नहीं, बल्कि एनडीए में शामिल कई और दल कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवन भी इस फैसले के खिलाफ बोल चुके हैं.
Creamy Layer Criteria to Reservations Row: बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के चीफ रामदास अठावले ने एक बार फिर कोटे में कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असहमति जताई है. हालांकि उन्होंने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है.
रामदास अठावले ने कहा कि PM ने पूरा भरोसा दिया है कि SC, ST आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं होगा. उन्होंने पीएम का आभार जताते हुए कहा कि SC, ST आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं होना चाहिए. हालांकि मैं निजी तौर पर कोटे में कोटा का समर्थन करता हूं.
बीजेपी एससी-एसटी वर्ग के सांसदों ने पीएम को सौंपा ज्ञापन
बता दें कि रामदास अठावले की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) एससी और एसटी वर्ग के सांसदों ने शुक्रवार (9 अगस्त 2024) को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.
पीएम ने सांसदों को दिया ये भरोसा
इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससी-एसटी वर्ग के इन सभी सांसदो को इस बात से आश्वस्त किया कि एससी और एसटी के आरक्षण में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. ये सभी सांसद भी पीएम के आश्वासन से संतुष्ट दिखे.
बीजेपी के कई और सहयोगी दल कर चुके हैं विरोध
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध सिर्फ रामदास अठावले ही नहीं, बल्कि एनडीए में शामिल कई और दल कर चुके हैं. पीएम मोदी के काफी विश्वसनीय माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास गुट) के प्रमुख चिराग पासवान भी इस फैसले का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि वह इसे किसी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे.
SC की 7 जजों की बेंच ने SC/ST पर क्या कहा?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था. इसमें उन्होंने कहा था कि राज्य इन समूहों में सबसे वंचित जातियों के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एससी और एसटी को और उप-वर्गीकृत कर सकते हैं. इस फैसले का समर्थन करने वाले 6 में से 4 जजों ने अलग-अलग फैसले लिखे, जिसमें क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया गया.
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