मुंबई: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मुंबई के बांद्रा इलाके में सीएए और एनआरसी के समर्थन में सभा की. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले हुई इस सभा में अठावले ने साफ कर दिया कि यह कानून भारत में रहने वाले किसी भारतीय के खिलाफ नहीं है और उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी. अठावले में कभी साथी रही शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि कभी शिवसेना बांग्लादेशियों को निकालने की बात करती थी आज समर्थन कर रही है. ऐसा वह कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में कर रही है.
"हम कानून का समर्थन करते हैं, वक्त आने पर देश के लिए मरते है." इस शेर के साथ रामदास अठावले ने अपनी बात करनी शुरू की और यह भी साफ कर दिया देश में सभी को जिंदा रहने का अधिकार है. संविधान ने सबको बराबर अधिकार दिए हैं. जिनके पास नागरिकता नहीं, कागज़ नहीं वह भारत में नहीं रह सकते. नए कानून को लेकर अठावले ने कहा भारतीय मुसलमानों का इस कानून से कोई लेना देना नहीं है. यह अवैध रूप से भारत में रह रहे लोगों के लिए कानून है. भारत के मुसलमानों के लिए नहीं. पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के संग हो रहे अत्याचार और भारत में अल्पसंख्यकों को सहारा देने के संबंध में अपनी बात रखते हुए अठावले ने दलाई लामा की कहानी का भी जिक्र किया.
कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुसलमानों को भटकाने का काम कांग्रेस और विपक्ष के दल कर रहे हैं. उन्हें कानून से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से परेशानी है. उनके फिर से जीतने से परेशानी है. चुनाव परिणाम को याद करते हुए अठावले ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अंबेडकर के संविधान पर माथा टेक कर नमन किया और कैबिनेट में भी कहा कि मुसलमानों की समस्याओं को सुलझाने की जरूरत है. मुसलमानों को आश्वस्त करते हुए अठावले ने कहा की उनकी पार्टी मुस्लिमों के साथ खड़ी है और अगर अन्याय हुआ तो साथ निभाएगी. संविधान और अंबेडकर को याद करते हुए अठावले ने शेर पढ़कर कार्यक्रम को खत्म किया- ''हमें नहीं चाहिए इस तरह की आग, नहीं लगाने देंगे बाबा साहब के संविधान में दाग.''
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