नई दिल्ली: केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) न तो राम मंदिर का समर्थन करती है और न ही इसका विरोध करती है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बात को पसंद करेगी अगर राम मंदिर स्थल पर शैक्षणिक संस्थान का निर्माण होता है.


मंत्री आठवले ने कहा कि उनका सुझाव है कि न तो मंदिर का निर्माण हो और न ही मस्जिद का. उन्होंने कहा कि राम मंदिर स्थल पर शैक्षणिक संस्थान या किसी ऐसे चीज का निर्माण हो जिससे लोगों की भावनाएं आहत न हों. सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि 1992 में भीड़ ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया. इस तरह के कामों को नजरंदाज करने की जरूरत है.


केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे और आध्यत्मिक नेताओं के दबाव से मंदिर का निर्माण नहीं होगा. मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जरूरत है. मोदी सरकार में मंत्री रामदास आठवले का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने अयोध्या में धर्म सभा का आयोजन किया है. इस धर्म सभा के माध्यम से वीएचपी ने सरकार पर मंदिर बनाने के लिए दबाव बनाया है. वीएचपी के अनुसार धर्म सभा में देशभर से तीन लाख लोग पहुंचे थे. वहीं, बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी मंदिर निर्माण के लिए लगातार सरकार पर दबाव डाल रही है.


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