Cruise Drugs Case: केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने नाम लिए बिना ही आर्यन खान का समर्थन करते दिखे हैं. दरअसल बॉलीवुड इंडस्ट्री को नशा मुक्त बनाए जाने को लेकर दिए गए अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि फिल्म उद्योग को "नशीली दवाओं से मुक्त" बनाने की आवश्यकता है, लेकिन नशा करने वालों को जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एनडीपीएस अधिनियम की समीक्षा की है. मंत्री रामदास अठावले ने बोलते हुए नशेड़ियों को जेल भेजने से बचाने के लिए अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की है.
उनका कहा है कि 'शराब पीने वालों को जेल नहीं भेजा जाता, लेकिन कानून में एक प्रावधान है कि ड्रग्स का सेवन करने वाले लोगों को जेल भेजा जा सकता है. सामाजिक न्याय की दृष्टि से हमारे मंत्रालय का मानना है कि बेशक किसी व्यक्ति को नशा नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर वह करता है तो उसे जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. इस कानून को बदलने की जरूरत है.'
फिलहाल इससे पहले रामदास अठावले ने समीर वानखेड़े और नवाब मलिक विवाद मामले में NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का समर्थन किया था. वहीं नवाब मलिक के लगाए गए आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा था कि राज्य सरकार वानखेड़े की सुरक्षा तय करे और उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए, वहीं शाहरुख को सलाह देते हुए कहा कि आर्यन को नशा मुक्ति केंद्र भेजे.
बता दें कि मंगलवार को क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई की विशेष अदालत ने दो आरोपी मनीष राजगढ़िया और अविन साहू को जमानत दे दी. राजगढ़िया इस मामले में 11 वें आरोपी हैं और एनसीबी ने उन्हें 2.4 ग्राम गांजा के साथ गिरफ़्तार किया था. उनके वकील अजय दुबे ने बताया कि मनीष राजगढ़िया को 50 हज़ार रुपये के बॉन्ड पर ज़मानत दी गई है.
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