Bengaluru Blast Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में दो फरार आरोपियों को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास से गिरफ्तार कर लिया. 1 मार्च को बेंगलुरु कैफे में हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे. इन आतंकियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मदीन ताहा के रूप में हुई है.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, "रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में फरार अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब का कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया और एनआईए टीम ने उन्हें पकड़ लिया. 12 अप्रैल की सुबह, एनआईए कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही, जहां वे झूठी पहचान के तहत छिपे हुए थे."
एनआईए ने रखा था 10 लाख रुपये का इनाम
पिछले महीने, एनआईए ने 30 साल के ताहा और शाजिब की तस्वीरों के साथ-साथ इनसे जुड़ी जानकारी शेयर की थी. इन आतंकियों पर 10 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी. प्रवक्ता ने कहा, "शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था और ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचने का मास्टरमाइंड है."आतंकियों को पकड़ने के लिए एनआईए ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल की राज्य पुलिस एजेंसियों के साथ कॉर्डिनेट किया था.
एनआईए ने कहा कि 300 से अधिक कैमरों से सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद, यह पाया गया कि 2020 में सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आए आईएसआईएस के दो सदस्य शाजिब और ताहा ने विस्फोट को अंजाम दिया था.
27 मार्च को एनआईए ने मुजम्मिल शरीफ को किया था गिरफ्तार
एक अधिकारी ने कहा, “एनआईए ने मामले में दो और लोगों को भी आरोपी बनाया है. उनमें से एक, 26 वर्षीय माज़ मुनीर अहमद घटना के समय जेल में था. दूसरा आरोपी 30 वर्षीय मुजम्मिल शरीफ है, जिसे एनआईए ने 27 मार्च को सेल फोन, फर्जी सिम कार्ड और विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.''