Terrorist Farhatullah Ghori Viral Video: इन दिनों एक वीडियो ने भारतीय खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. वीडियो सामने आने के बाद से ही खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. दरअसल, इस वीडियो में आतंकवादी फरहतुल्लाह गौरी भारत में स्लीपर सेल से देश भर में ट्रेनों पर हमले करने के लिए कह रहा है.


इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान में रहने वाला भगोड़ा जिहादी गौरी ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सहयोग से स्लीपर सेल के जरिए बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की साजिश रची थी.


अलग-अलग तरीके से विस्फोट के तरीके भी बताए


वीडियो में गौरी, जो कई साल से भारतीय एजेंसियों के रडार पर है, स्लीपर सेल से भारत में रेलवे नेटवर्क को पटरी से उतारने का आह्वान करता हुआ दिखाई दे रहा है. वह प्रेशर कुकर का उपयोग करके बम विस्फोट करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बता रहा है.


तीन हफ्ते पहले टेलिग्राम पर जारी किया गया वीडियो


गौरी भारत में पेट्रोलियम पाइपलाइनों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाने की योजनाओं के बारे में भी बात कर रहा है. वह कहता है कि भारत सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) के माध्यम से उनकी संपत्तियों को निशाना बनाकर स्लीपर सेल को कमजोर कर रही है, लेकिन हम वापस आएंगे और सरकार को हिला देंगे." खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो करीब तीन सप्ताह पहले टेलीग्राम पर जारी किया गया था.


कौन है फरहतुल्लाह गौरी?


फरहतुल्लाह गौरी, जिसे अबू सूफियान, सरदार साहब और फारू के नाम से भी जाना जाता है, कई हाई-प्रोफ़ाइल हमलों से जुड़ा हुआ है. इसमें गुजरात में 2002 का अक्षरधाम मंदिर हमला भी शामिल है, जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और 80 घायल हुए थे. वह हैदराबाद में टास्क फ़ोर्स ऑफिस पर 2005 में हुए आत्मघाती हमले के पीछे भी था. दिल्ली पुलिस ने पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश से तीन मोस्ट-वॉन्टेड आतंकवादियों को गिरफ़्तार करने के बाद कहा था कि गौरी कथित तौर पर ऑनलाइन जिहादी भर्ती का आयोजन कर रहा है. उन्होंने खुलासा किया कि गौरी आतंकवादियों का हैंडलर था. कुछ महीने पहले, दिल्ली पुलिस ने पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकवादियों को देश भर से गिरफ़्तार किए जाने के बाद गौरी का नाम रिकॉर्ड में लिया था. अधिकारियों ने उस समय दावा किया था कि आईएसआई भारत में स्लीपर सेल चला रही थी और हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती कर रही थी.


रामेश्वरम हमले में इस तरह जुड़े हैं तार


1 मार्च 2024 को रामेश्वरम में हुए विस्फोट में करीब 10 लोग घायल हुए थे. एनआईए ने 12 अप्रैल को दो मुख्य आरोपियों अब्दुल मथीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को गिरफ्तार किया था. ताहा इस हमले का मास्टरमाइंड था, वहीं शाजिब ने कथित तौर पर कैफे में आईईडी रखा था. उन्हें कोलकाता के पास एक लॉज से गिरफ्तार किया गया था, जहां वे फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे. दोनों कथित तौर पर कर्नाटक के शिवमोगा स्थित इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल के सदस्य हैं. इसी मॉड्यूल के सदस्य शारिक ने नवंबर 2022 में मंगलुरु में विस्फोट किया था. फरहतुल्लाह गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में स्लीपर सेल का एक मजबूत नेटवर्क है. फैसल रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और मामले में हैंडलर था.


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