नई दिल्ली: रामजस कॉलेज की घटना को लेकर ABVP ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय में DU बचाओ मार्च निकाला. इसमें निशाने पर वामपंथी संगठन रहे. ABVP के पोस्टरों में कथित वामपंथी हिंसा की तस्वीरें लगाई गई थीं.


ABVP ने वामपंथियों को राष्ट्रविरोधी भी करार दिया. हालांकि वामपंथी संगठनों के जुलूस के मुकाबले भीड़ के मामले में ABVP का मार्च फीका रहा. ABVP इसे 'SAVE DU' नाम दिया था.


UPDATES




  • मार्च शुरू होने से पहले यूनिवर्सिटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया. चप्पे चप्पे पर दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात.


 



  • आज भी सुरक्षाकर्मियों के पास ना तो कोई हथियार है और ना ही लाठियां. हालांकि किसी भी आपातकालीन स्तिथि से निपटने के लिए आंसू गैस और वॉटर केनन का इस्तेमाल किया जाएगा.

  • मार्च के दौरान करीब पांच ज़िलों की पुलिस टुकड़ियां सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगी. ताकि कोई हिंसा न हो.


कहां-कहां से होकर निकलेगा मार्च


ये मार्च आर्ट्स फैकल्टी से शुरू होकर विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन, खालसा कॉलेज, मिरांडा हाउस, एसआरसीसी, -दौलतराम कॉलेज, रामजस कॉलेज, लॉ फैकल्टी से होता हुआ आर्ट्स फैकल्टी के पास विवेकानंद मूर्ति पर खत्म होगा.


कौन हैं गुरमेहर कौर ?

गुरमेहर कौर करगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी हैं. रामजस कॉलेज में विवाद के बाद गुलमेहर ने फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें लिखा था, ‘’मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं. मैं एबीवीपी से नहीं डरती. मैं अकेली नहीं हूं. भारत का हर छात्र मेरे साथ है.’’ #StudentAgainstABVP.

गुरमेहर की इसी पोस्ट के बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर रेप की धमकी दी जाने लगी. इतना ही नहीं गुरमेहर पर हमला बोलने के लिए उनका एक पुराना वीडियो भी सामने लाया गया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की अपील की थी. इस वीडियो में उन्होंने कहा था,  ‘’मेरे पापा को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा है.’’

क्या है रामजस कॉलेज विवाद ?

डीयू के रामजस कॉलेज के एक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाने से जुड़ा है. देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर के साथ ही कन्हैया कुमार और अनिर्बान पिछले साल जेल गए थे. एबीवीपी के विरोध के बाद सेमिनार तो रद्द कर दिया गया लेकिन एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन आमने-सामने आ गए थे. बाद में एबीवीपी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि वामपंथी छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए थे.