अयोध्या: अयोध्या में भगवान राम को 24 मार्च को टेंट से अस्थाई मंदिर में प्रतिस्थापित किया जाना है. इसके अगले दिन से रामनवमी की शुरुआत होगी, जिसमें पारंपरिक तौर पर लाखों श्रद्धालु अयोध्या आकर भगवान राम का दर्शन करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च को होने वाली रामकोट की परिक्रमा स्थगित कर दी गई है.


इसका आयोजन करने वाली विक्रमादित्य महोत्सव समिति ने फैसला लिया है. नवरात्र व नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर रामकोट की परिक्रमा होती थी. रामकोट की परिधि में आता है रामलला का गर्भ गृह. रामकोट की परिक्रमा में विक्रमादित्य महोत्सव समिति के अध्यक्ष राजकुमार दास संतो के साथ राम कोट की परिक्रमा करते थे. इसमें कई बड़े लोग भी शामिल होते आये हैं.


रामनवमी पर अयोध्या की सीमा से लोगों को लौटाया जा सकता है


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि लोग अपने घरों में ही रामनवमी मनाएं. इसके बाद अयोध्या के साधु संत अपने अनुयायियों से अपील करेंगे कि कोरोना को देखते हुए रामनवमी में श्रद्धालु अयोध्या ना आएं. इसके बाद भी अगर रामनवमी पर भीड़ आती है तो प्रशासन बाहर से आने वालों को अयोध्या की सीमा से ही उन्हें लौटा सकता है. सूत्रों ने बताया कि अगर भीड़ ज्यादा होने लगती है तो बाहरी लोगों को सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा.


सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर निर्माण को लेकर आये फैसले के बाद यह पहला रामनवमी के त्योहार है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि हर साल की तुलना में इस बार ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या आ सकते हैं. कोरोना की वजह से प्रशासन नहीं चाहता कि अयोध्या में लाखों की भीड़ इकट्ठी हो लेकिन किसी को जबरदस्ती करके रोकना भी आम जनमानस के गुस्से की वजह बन सकता है. ऐसे में फिलहाल प्रशासन साधु संतों से आग्रह कर रहा है कि वो भक्तों से अपील करें की लोग खुद अयोध्या आने की जगह अपने घरों में रामनवमी के त्यौहार मनाएं.


नृत्य गोपाल दास ने प्रशासन से जागरूकता पर काम करने को कहा


अयोध्या जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी महंत नृत्य गोपाल दास से मिलकर उनसे आग्रह किया कि वो लोगों से अयोध्या ना आने की अपील करें. इसपर महंत नृत्य गोपाल दास ने मना करते हुए कहा कि लोगों को मना करके वो पाप के भागीदार नहीं बनेंगे. नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जैसे मीडिया लोगों को जागरूक कर रहा है, वैसे ही प्रशासन गांव गांव पहुंचकर लोगों से कोरोना के मद्देनजर अयोध्या ना जाने का आग्रह करें. उन्होंने कहा कि अयोध्या का परंपरागत मेला है, जिसमें किसी के आने का फैसला उनका निजी होता है, ऐसे में अगर लोग खुद से ना आएं तो भीड़ नहीं आएगी. इसके लिए प्रशासन को लोगों से आग्रह करना चाहिए.


रामलला की शिफ्टिंग टीवी पर देख सकेंगे श्रद्धालु


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से 22 मार्च से 24 मार्च तक भगवान राम की प्रतिमा की शिफ्टिंग को लेकर एक अनुष्ठान किया जाएगा. इस अनुष्ठान में सीमित पुजारी हिस्सा लेंगे. 24 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय के वक्त भगवान राम को टेंट से निकालकर अस्थाई ढांचे में प्रतिस्थापित किया जाएगा. इस प्रतिस्थापन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आए न्यास के सदस्य हिस्सा लेंगे. इस कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठी नहीं होगी लेकिन हर कोई यह कार्यक्रम देख सके, इसके लिए लाइव टेलीकास्ट किया जायेगा. लाइव टेलीकास्ट की घोषणा मुख्यमंत्री ने एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में की थी.


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