Ramlala Pran Pratishtha: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का क्या होगा शेड्यूल, कौन लोग करेंगे मंदिर में प्रवेश, प्रक्रिया समेत जानें सबकुछ
Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय आ गया है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसा क्या रहेगा कार्यक्रम, आइए जानते हैं.
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तमाम श्रद्धालु पलकें बिछाए बैठे हैं. सोमवार (22 जनवरी) को राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 12:15 बजे से 12:45 के बीच होने की उम्मीद है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त 84 सेकेंड का है, जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा.
23 जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर दर्शन का समय सुबह 7 बजे 11:30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा.
राम मंदिर में सुबह की आरती 6:30 बजे होगी, जिसे श्रृंगार या जागरण आरती कहा जा रहा है. इसके बाद दोपहर में भोग आरती और शाम 7:30 बजे संध्या आरती होगी. आरती में शामिल होने के लिए पास की आवश्यकता होगी.
22 जनवरी को पूजन इस क्रम में होगा
सबसे पहले नित्य पूजन हवन पारायण, फिर देवप्रबोधन, उसके बाद प्रतिष्ठापूर्वकृत्य, फिर देवप्राण प्रतिष्ठा, महापूजा, आरती, प्रासादोत्सर्ग, उत्तरांगकर्म, पूर्णाहुति, आचार्य को गोदान, कर्मेश्वरार्पणम, ब्राह्मणभोजन, प्रैषात्मक पुण्याहवाचन, ब्राह्मण दक्षिणा दानादि संकल्प, आशीर्वाद और फिर कर्मसमाप्ति होगी.
10 बजे से होगा मंगल ध्वनि का भव्य वादन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार, भक्ति भाव से विभोर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातःकाल 10 बजे से 'मंगल ध्वनि' का भव्य वादन होगा. 50 से ज्यादा मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से लगभग 2 घंटे तक इस शुभ अवसर का साक्षी बनेंगे. अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पनाकार और संयोजक हैं, जिसमें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया है.
ट्रस्ट ने कहा है कि यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक है, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करता है.
परिसर में प्रवेश करने के लिए गुजरना होगा इस प्रक्रिया से
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार, भगवान रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है. केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा. प्रवेशिका पर बने QR Code के मिलान के पश्चात ही परिसर में प्रवेश संभव हो पाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा।… pic.twitter.com/3BkCpbJIbM
अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भगवान रामलला की नई मूर्ति गुरुवार (18 जनवरी) की दोपहर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखी गई थी. मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज की ओर से बनाई गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को ट्रक से मंदिर तक लाया गया था.
पीएम मोदी होंगी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य अतिथि 22 जनवरी को मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल होंगे. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी 11 दिनों के लिए यम-नियमों का पालन कर रहे थे और देश के दक्षिणी हिस्सों में रामायण से संबंधित मंदिरों की आध्यात्मिक यात्रा पर थे, जो रविवार को अरिचल मुनाई के पास राम मंदिर में पूजा करके पूरी हो गई.
पीएम मोदी अपनी विशेष धार्मिक परंपरा के तहत फर्श पर कंबल के ऊपर सो रहे हैं और केवल नारियल पानी पी रहे हैं. वह गौपूजा कर रहे हैं और गौसेवा कर रहे हैं. इसके अलावा वह अन्नदान सहित अन्य चीजें भी दान कर रहे हैं. शास्त्रों के अनुसार वह वस्त्र भी दान कर रहे हैं. हाल में पीएम मोदी ने मंदिरों को साफ करने की पहल भी शुरू की थी और नासिक में श्री कालाराम मंदिर के परिसर की सफाई की थी.
प्रवेश और निकास कहां से होगा?
मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने संवाददाताओं से कहा था कि मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से और निकास दक्षिण दिशा से होगा और संपूर्ण मंदिर अधिरचना तीन मंजिला होगी. मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे. पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा.
इसरो ने सैटेलाइट से ली तस्वीर
इसरो के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की उपग्रह से ली गई तस्वीर जारी की है. इसरो ने अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रह से ली गई तस्वीर रविवार को साझा की, जिसमें अयोध्या में बन रहा भव्य मंदिर दिखाई दे रहा है. पिछले साल 16 दिसंबर को ली गई तस्वीर में दशरथ महल, अयोध्या रेलवे स्टेशन और पवित्र सरयू नदी भी दिखाई दे रही है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने की ये अपील
इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (21 जनवरी) को सभी धर्म के लोगों से सैहार्द को प्रोत्साहित करने के लिए सोमवार को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान विशेष प्रार्थना करने की अपील की है. सरमा ने कहा, ‘‘अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हिंदू धर्म की नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता की जीत है. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा सुनिश्चित करने के लिए सभी को अपने-अपने तरीके से प्रार्थना करनी चाहिए.’’
उन्होंने राज्य के सभी लोगों से सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद शाम को अपने-अपने घरों, दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बाहर दीपक जलाने के साथ-साथ 'नामघर' (सामुदायिक प्रार्थना कक्ष) जाने का भी आह्वान किया.
सरमा ने कहा, ‘‘प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सभी धर्मों के लोगों को हिस्सा लेना चाहिए. मैं लोगों से राज्य में सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की करता हूं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर संभव हो तो लोग कल प्राण प्रतिष्ठा तक उपवास रखें.’’
(भाषा इनपुट के साथ)
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