Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पड़ोसी देश ने इस पवित्र उत्सव की निंदा की है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा भारत के बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरमपंथियों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में कहा गया, ''दुर्भाग्य से भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका ने न केवल इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बरी कर दिया, बल्कि ध्वस्त मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर के निर्माण की भी अनुमति दे दी.''
राम मंदिर समारोह को लेकर क्या कुछ बोला पाकिस्तान?
बयान में कहा गया, ''पिछले 31 वर्षों का घटनाक्रम, जिसकी वजह से आज का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ, वो भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है. यह भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने के लिए चल रहे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू है.'' पाकिस्तान ने दावा किया है कि मस्जिद का मुद्दा भारत के लोकतंत्र पर एक धब्बा है.
ज्ञानवापी और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर ये बोला
पाकिस्तान ने कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद समेत मस्जिदों की एक बढ़ती हुई सूची है, जो अपवित्र कि जाने और विनाश के खतरे का सामना कर रही हैं.
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार (22 जनवरी) को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आदि ने इस अवसर पर रामलला के इस विशेष अनुष्ठान में हिस्सा लिया. इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया. देश और दुनिया से करोड़ों लोग इस अवसर के साक्षी बने.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में कहा था कि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं जो बाबरी स्थल पर एक हिंदू मंदिर के अस्तित्व को साबित करते हैं. अदालत ने विवादित स्थल पर मंदिर के निर्माण की अनुमति दे दी थी. साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन का एक अलग टुकड़ा उपलब्ध कराने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया था.
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