PM Suryoday Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद एक बड़ी सोलर योजना की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उनका यह संकल्प और प्रशस्त हुआ कि देशवासियों के घरों की छत पर उनका सोलर सिस्टम हो. पीएम मोदी की घोषणा के मुताबिक, एक करोड़ घरों में एक योजना के तहत रूफटॉप सोलर लगेगा.
क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने अपने सोमवार (22 जनवरी) को अपने आधिकारिक X हैंडल से बताया, ''सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं. आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो.''
उन्होंने कहा, ''अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करेगी. इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा.''
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया है और लोगों से अगले 1000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर केवल जीत का नहीं बल्कि विनम्रता का है.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर समृद्ध और विकसित भारत के उदय का गवाह बनेगा. प्रधानमंत्री ने संतों, नेताओं, उद्योगपतियों, फिल्मी सितारों, कवियों, साहित्यकारों और खिलाड़ियों की एक चुनिंदा सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1,000 साल के भारत की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं.’’
इससे पहले पीएम मोदी ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को लेकर चले मुकदमे पर 2019 में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से संभव हुए भव्य राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया.
वास्तुकला की पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर, लंबाई में 380 फुट (पूर्व-पश्चिम), चौड़ाई में 250 फुट और ऊंचाई में 161 फुट आकार का है. यह 392 स्तंभों पर टिका है और इसमें 44 दरवाजे हैं.
'यह कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम'
प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि वह अभी भी गर्भगृह के भीतर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अनुभव किए गए दिव्य स्पंदनों को महसूस कर सकते हैं. पीएम मोदी ने अपने 36 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है. हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी.’’
उन्होंने इस क्षण को आलौकिक और पवित्रतम बताते हुए कहा, ‘‘आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए... आज वह कमी पूरी हुई.’’
(भाषा इनपुट के साथ)
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