Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अनुष्ठान शुरू किए जा चुके हैं. बुधवार (17 जनवरी) को इन अनुष्ठानों के दूसरे दिन रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में ले जाया गया. 
 
रामलला की मूर्ति को विवेक सृष्टि ट्रस्ट से एक ट्रक के जरिए राम मंदिर ले जाया गया. मूर्ति को मंदिर परिसर में अंदर ले जाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया. सूत्रों के मुताबिक, मूर्ति को गुरुवार (18 जनवरी) गर्भगृह में रखे जाने की उम्मीद है. अभी मूर्ति को मंदिर में गर्भ गृह की चौखट पर पहुंचाया गया है.






इससे पहले भगवान रामलला की मूर्ति ले जा रहा ट्रक रास्ते में जहां-जहां से गुजरा, वहां लोगों ने श्रीराम के जयकारे लगाए. मू्र्ति को ले जाते वक्त कई सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. अब 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी.






राम राज्य फिर वापस आएगा- संत


विवेक सृष्टि ट्रस्ट से रामलला की मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर में ले जाए जाने के दौरान एक संत ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, "बहुत खुश हैं हम. जो हमारा सपना था वो अभी आज पूरा हो गया. अभी फिर राम राज्य आएगा. जो भी पहले था वो सब कलयुग का निकल जाएगा, फिर अभी सच्चा (युग) आएगा... राम राज्य फिर वापस आएगा.''


इससे पहले दिन में रामलला की चांदी की बनी एक प्रतीकात्मक मूर्ति को मंदिर का परिक्रमा कराया गया. राम मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदार ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक, सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होगा. प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कार 16 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेंगे.


मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे शुरू होगा. उन्होंने बताया कि इसके एक बजे तक संपन्न होने की संभावना है.



(अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्री हनुमान महा यज्ञशाला में श्रद्धालु)


मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तराशी है रामलला की मूर्ति


बता दें कि कर्नाटक में मैसुरु के रहने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाई है. राम मंदिर ट्रस्ट ने योगीराज की ओर से बनाई मूर्ति को स्थापना के लिए चुना है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अरुण योगीराज की पत्नी विजेयता ने बताया कि मूर्ति बनाते समय योगीराज की आंख में चोट भी लग गई थी. एक पत्थर की नुकीली परत उनकी आंख में चुभ गई थी और उसे ऑपरेशन के जरिए निकाला गया था. उन्होंने कहा कि दर्द के दौरान भी उनके पति नहीं, कई रात सोए नहीं और रामलला की मूर्ति बनाने में तल्लीन रहे. परिवार ने योगीराज के हाथों बनी मूर्ति को चुने जाने पर खुशी जताई है और आभार व्यक्त किया है.


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