अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर आज पूरा देश जश्न मना रहा है. रामभक्त खूशी से झूम रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, जिसके लिए देश-विदेश से बड़ी-बड़ी हस्तियां समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या नगरी पहुंच रही हैं. हालांकि, कुछ राजनीतिक हस्तियों ने समारोह में शामिल होने से मना कर दिया है और राम मंदिर को लेकर भी खूब बयानबाजी कर रहे हैं. इस पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी मां ने जवाब दिया है.
यूपी तक की रिपोर्ट के मुताबिक, महामंडलेश्वर भवानी मां ने कहा कि आपका मुद्दा खत्म हो गया तो आप मंदिर पर राजनीति कर रहे हैं. मंदिर पर ना राजनीति हुई और ना होती है. अयोध्या में एयरपोर्ट बना और सड़कें बनीं उन पर तो राजनीति नहीं हुई तो मंदिर पर राजनीति क्यों हो रही है.
महामंडलेश्वर भवानी मां ने कहा, मुद्दा खत्म हो गया तो राम मंदिर को मुद्दा बना लिया
महामंडलेश्वर भवानी मां ने कहा, 'एयरपोर्ट बना उस पर तो राजनीति नहीं होनी चाहिए. अयोध्या की नई-नई सड़कें बन गईं, राजनीति उसमें तो नहीं दिख रही. हॉस्पिटल बन रहे, वो नहीं दिखे. एक मंदिर में राजनीति. ये एक मुद्दा था, जिनका मुद्दा था उनको राजनीति दिख रही है, लेकिन ये जो सारे भारतवासी हैं. इनकी सबकी आस्था है राम में और आस्था की आज जीत हुई है. सिर्फ एक मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बना दिया, फिर एयरपोर्ट को क्यों नहीं बना रहे आप, सड़कों क्यों नहीं बना रहे, यहां युवाओं का विकास हो रहा उसको राजनीति का मुद्दा क्यों नहीं बना रहे आप लोग. आपका मुद्दा खत्म हो गया तो इस पर भी राजनीति कर रहे हो. मंदिरों पर राजनीति ना हुई है और ना होती है. जब भी इन चीजों की राजनीति होती है तो शहर का विनाश होता है, जो अब इन लोगों के लिए शायद मुमकिन नहीं होगा.'
साध्वी बोलीं, भगवान राम के जीवन से सीखना चाहिए
किन्नर अखाड़े की एक और साध्वी ने कहा कि भव्य राम मंदिर बन रहा है सिर्फ यही नहीं देखना चाहिए, बल्कि भगवान राम के जीवन से भी आप लोगों को सीखना चाहिए कि वह पिता के वचन के लिए वह 14 बरस का वनवास काट लेते हैं. उनके भाई भरत 14 बरस के लिए श्रीराम की चरणपादुका सिंहासन पर रखकर 14 बरस अयोध्या का शासन चलाया. यही अयोध्या नगरी है तो इससे सीखना चाहिए कि समाज को कैसे जोड़ना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, 'सबरी की कुटिया में जाकर बेर खाते हैं तो उसमें भी समानता की बातें आती हैं. उस समय से ही समानता है और सनातन धर्म हमेशा जोड़ने का काम करता है. सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम के साथ आगे बढ़ता है. ये सनातन धर्म की सोच है और ये हमें भगवान राम के जीवन से सीखना चाहिए. आज की नई युवा पीढ़ी को मैं यही कहना चाहती हूं कि समाज को जोड़ने वाले काम करें, तोड़ने वाला काम नहीं करें. राजनीतिक नेताओं से भी मैं यही कहना चाहती हूं कि समाज को जोड़ें. जो समाज को जोड़ेगा उसी की विजय होगी. आज 500 बरस बाद रामलला का मंदिर बन रहा है तो यह राम भगवान की जीत हुई है, ये सनातन धर्म की जीत हुई है, ये किन्नर समाज की जीत हुई है. जय श्री राम.'