Ramnath Kovind Farewell: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कैसा रहा कार्यकाल, एक क्लिक में जानिए सबकुछ
President Of India: रामनाथ कोविंद को आज विदाई दे दी गई. विदाई समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक 'स्मृति चिन्ह' और सांसदों की ओर से हस्ताक्षरित एक 'हस्ताक्षर पुस्तिका' भी भेंट की गई.
Ramnath Kovind: देश के 14वें राष्ट्रपति (14th President) के रूप में 25 जुलाई 2017 को शपथ लेने वाले रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और उन्हें राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan) से विदाई दे दी गई है. अब उनकी जगह द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) देश की नई राष्ट्रपति (President) होंगी. जमीनी स्तर के नेता से लेकर देश के शीर्ष पद पर राष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले रामनाथ कोविंद समाज में समानता और समग्रता के पैरोकार रहे हैं. उनके कार्यकाल के दौरान ही कोरोना महामारी ने देश में पैर रखा था.
रामनाथ कोविंद ने समाज और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी का सक्रियता से समर्थन किया है. उन्होंने लगातार अह्वाहन किया कि समाज में कमजोर वर्ग, दिव्यांगजन और अनाथों के लिए अधिक मौके दिए जाएं. राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद कोविंद के भाषण में देश के विकास के प्रति उनकी दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता की झलक मिली. उन्होंने एक बार कहा भी था कि वह एक छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पले बढ़े और राष्ट्रपति पद तक पहुंचने की उनकी यात्रा एक लंबा सफर रहा है. उन्होंने कहा था कि भारत की कामयाबी के पीछे विविधता हाथ रहा है.
33 देशों का दौरा, 6 देशों में राजकीय सम्मान
राष्ट्रपति भवन के मुताबिक रामनाथ कोविंद ने जून महीने तक 33 देशों की यात्रा की और भारत की वैश्विक पहुंच और प्रभाव को बढ़ाया. इन देशों की यात्रा के दौरान कोविंद ने शांति, प्रगति और सद्भाव को लेकर भारत की तरफ से संदेश दिया. भारत के राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें देशों से सर्वोच्च राकीय सम्मान प्राप्त हुआ है. ये देश- मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, एस्वातीनी, क्रोएशिया, बोलीविया और गिनी गणराज्य हैं.
वकील से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर
रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का जन्म उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले के एक गांव परौंख में हुआ था. उनका परिवार एक सामान्य परिवार था. वो अपनी कड़ी मेहनत से वकील (Advocate) बने उन्होंने साल 1971 में दिल्ली बार काउंसिल (Delhi Bar Council) में वकील के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया था. इतना ही नहीं वो 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में केंद्र सरकार (Central Government) के वकील भी रहे. कोविंद वकील से सांसद बने और फिर सांसद से बिहार के राज्यपाल (Governor) भी बने. इसके बाद साल 2017 में वो राष्ट्रपति (President) बने.
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