सतलोक आश्रम के प्रमुख हत्यारे स्वंयभू बाबा रामपाल को दूसरे मामले में भी उम्रकैद
स्वघोषित संत रामपाल को दूसरे मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. रामपाल पर कोर्ट का यह फैसला 430 नंबर एफआईआर में आया है. मंगलवार को हिसार कोर्ट ने रामपाल और उसके 15 साथियों को उम्रकैद की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.
हिसार: स्वघोषित संत और सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल को हिसार कोर्ट ने दूसरे मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट का यह फैसला 430 नंबर एफआईआर में आया है. रामपाल पर मंगलवार को एफआईआर नंबर 429 पर फैसला सुनाया गया था. इस एफआईआर में सेक्शन 302 हत्या, 343 बंधक बनाना, 120 बी साजिश रचना जैसे मामलो में उसे और 15 अन्य आरोपियों को सजा सुनाई गई थी.
रामपाल समेत सभी 15 आरोपियों को 302 हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा और 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया था. सेक्शन 343 बंधक बनाने में रामपाल समेत सभी आरोपियों को 2 साल की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था. वहीं, 120 बी साजिश रचने में रामपाल समेत सभी 15 आरोपियों को उम्रकैद की सजा और 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था. ये सभी फैसले कोर्ट ने 4 महिलाओं समेत एक बच्चे की मौत के जुर्म में सुनाया था.
बीते 11 अक्टबर को कोर्ट ने दो मामले में रामपाल और उसके साथ के लोगों को दोषी करार दिया था. आपको बता दें नवंबर 2014 में रामपाल के सतलोक आश्रम में हिंसा हुई थी. हिंसा में 6 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी. पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी जिसके बाद उसके समर्थकों ने हिंसा की थी.
स्वंयभू संत रामपाल की 'राम कहानी'
स्वंयभू संत रामपाल का हरियाणा में काफी असर है. दावा है कि उनके लाखों अनुयायी हैं. खुद को कबीरपंथी बताने वाले रामपाल स्वयं को परमेश्वर का एक रूप बताता है. रामपाल संत का चोला पहनने से पहले हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था. नौकरी के समय ही रामपाल संत स्वामी रामदेवानंद महाराज का शिष्य बन गया और प्रवचन करने लगा था.
साल 1999 में रामपाल ने हरियाणा के करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनवाया. साल दो हजार में हरियाणा सरकार के दबाव के बाद उसने इंजीनियर के पद से इस्तीफा दे दिया. रामपाल की मुसीबत तब शुरू हुई जब जमीन विवाद में हुई हत्या के एक मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची. तब नवंबर 2014 में रामपाल ने पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कानून को अपने हाथ में ले लिया था. उस समय पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने 12 दिनों के संघर्ष के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया था.
रामपाल पर आरोपों की फेहरिस्त
रामपाल पर अभी और 3 केस चल रहे हैं, इसमें दो केस हत्या के और एक केस देशद्रोह का है. इन मामलों में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है. रामपाल सरकारी काम में बाधा डालने और आश्रम में लोगों को बंधक बनाने के मामले में बरी हो चुका है.
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